जयपुर, 28 मई कोविड के कारण शिक्षण संस्थाएं बंद हैं। ना केवल स्कूल बल्कि कॉलेज और विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही हैं। परीक्षाएं आयोजित नहीं हो पाई हैं ऐसे में विद्यार्थी अपने करियर को लेकर मानसिक तनाव में हैं। विद्यार्थियों पर इस तनाव का विपरीत असर नहीं पड़े इसे ध्यान में रखते हुए अब यूजीसी (UGC) आगे आया है और यूजीसी ने शिक्षण संस्थानों को इस संबंध में उचित कदम उठाने के निर्देश देते हुए एक सर्कलर जारी किया है जिसमें यूजीसी से कहा गया है कि वह अपने स्तर पर इसके लिए कार्य करें, हेल्पडेस्क बनाएं साथ ही एक टास्कफोर्स का गठन किया जाए, जिससे विद्यार्थियों के मानसिक तनाव को दूर किया जा सके। वह स्टूडेंट्स और उनके परिवार के साथ सम्पर्क बनाएं। यूजीसी का कहना है कोविड के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हुई है। इनमें कई स्टूडेंट्स भी ऐसे होंगे जिनके परिवार के किसी सदस्य की कोविड से मौत हुई होगी। ऐसे में बेहद जरूरी है कि इस दिशा में काम किया जाए। हेल्प डेस्क बनाने के दिए निर्देश यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने शिक्षण संस्थान को टास्क फोर्स और हेल्प डेस्क बनाने की सलाह दी है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से विद्यार्थी अपनी समस्याओं को शिक्षकों तक पहुंचा सकते हैं और टीचर्स भी उन्हें सही राय दे सकते हैं। एनएसएस की ले सकेंगे मदद यूजीसी ने अपने पत्र में कहा है कि एनएसएस और एनसीसी के वॉलेंटियर की भी इस काम में मदद ली जा सकती है। इसके साथ ही को भी कोविड के प्रति अपने व्यवहार को बढ़ावा देना, जिसमें स्वच्छता, मास्क पहनना, साबुन से बार बार हाथ धोना, सामाजिक दूरी को बनाए रखना, प्रशिक्षण करना, संदिग्ध मामलों का पता लगाना उचित उपचार कराना शामिल है, इसमें शिक्षक अहम भूमिका निभा सकता है। ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान मोटिवेशनल लेक्चर का आयोजन करवाने के लिए भी यूजीसी ने कहा है। यूनिवर्सिटी ने शुरू की टेलीकाउंसलिंग गौरतलब है कि प्रदेश में राजस्थान विश्वविद्यालय इस दिशा में पहले ही एक कदम आगे बढ़ा चुका है। विवि के मनोविज्ञान विभाग ने टेली काउंसलिंग की सुविधा शुरू की है। इसके जरिए विवि प्रशासन विद्यार्थियों, उनके परिजनों केसाथ साथ कार्मिकों के मानसिक तनाव को दूर करने का प्रयास कर रहा है।