जयपुर यूजीसी ने विश्वविद्यालयों के लिए दूरस्थ शिक्षा केंद्र का संचालन करने के लिए नए मापदंड लागू किए है। यूजीसी के नए नियमों के तहत अब वही संस्थान ही दूरस्थ शिक्षा केंद्र का संचालन कर सकेंगे जिन्हें नैक की आेर से 3.26 स्कोर मिला हुआ है और उनकी ग्रेड ए है। ए ग्रेड से नीचे या 3.26 से कम स्कोर वाले विश्वविद्यालय डिस्टेंस लर्निंग कोर्स का संचालन नहीं कर सकेंगे। एेसे में प्रदेश के कई विश्वविद्यालय दूरस्थ शिक्षा करवाने की दौड़ से बाहर हो गए हैं। प्रदेश में वनस्थलीविद्यापीठ टोंक,बिट्स पिलानी,सेंट्रल यूनिवर्सिटी
अजमेर ,राजस्थान विद्यापीठ
उदयपुर ,सुखाडिय़ा विवि उदयपुर ,ज्ञान विहार यूनिवर्सिटी जयपुर,एलएनएम इंस्टीट्यूट जयपुर,
राजस्थान यूनिवर्सिटी जयपुर, जैन विश्व भारती इंस्टीट्यूट लाडनू ही संस्थान एेसे है जिन्हें नैक से मान्यता प्राप्त ग्रेड मिली हुई है। वही
जोधपुर व भरतपुर संभाग में तो एक भी विश्वविद्यालय एेसा नहीं है जिसे नैक से ग्रेड मिली हुई हैं। इसके साथ ही प्रदेश में जिन संस्थानों को नैक की ग्रेड मिली हुई है उसमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी अजमेर का सीजीपीए स्कोर 3.01,एलएनएम इंस्टीट्यूट जयपुर का सीजीपीए स्कोर 3.15 ,राजस्थान विद्यापीठ उदयपुर का स्कोर 3.04 ही हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने अपनी नियमावली में साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद से न्यूनतम 3.26 स्कोर के साथ ए ग्रेड प्राप्त करने वाले संस्थान ही दूरस्थ शिक्षा केंद्र का संचालन कर सकेंगे यूजीसी ने विश्वविद्यालयों में जुलाई सत्र से ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा यूजीसी में तय हुआ कि उच्च शिक्षण संस्थानों में एमफिल व पीएचडी में दाखिले के दौरान एससी/एसटी छात्रों को पांच फीसदी अंक की छूट मिलेगी।
अब तक दाखिले के लिए उनके 50 फीसदी अंक होने जरूरी थे। जिन संस्थानों का नैक एक्रीडिटेशन स्कोर 3.26 से 4 है, वे ऑनलाइन पढ़ाई कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं। उच्च शिक्षण संस्थान ऑनलाइन प्रोग्राम के तहत यूजी, पीजी डिग्री, सर्टिफिकेट, डिप्लोमा की पढ़ाई करा सकेंगे। इसमें ऑनलाइन प्रोग्राम भी शामिल होगा। ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम में अगर कोई नियम तोड़ेगा तो उस पर पुलिस में मामला दर्ज किया जा सकेगा। दाखिले के दौरान आधार और पासपोर्ट की जरूरत पड़ेगी।