सूत्रों के मुताबिक सब्सिडी के जरिए लगातार आर्थिक भार बढऩे के कारण सरकार डायरेक्ट विद्युत सब्सिडी और टैरिफ सब्सिडी दोनों को मर्ज करने पर मंथन कर रही है। वित्त विभाग भी यही चाह रहा है। अफसरों का मानना है कि इससे सालाना करीब 1 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा बचाए जा सकते हैं। हालांकि, अभी विधानसभा चल रही है इसलिए सरकार इस मामले को लंबित रखना चाह रही है। इसी कारण बिजली कंपनियों के प्रस्ताव पर अधिकारिक तौर पर फैसला नहीं किया गया।
पिछली भाजपा सरकार में आचार संहिता से ठीक पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने छोटे व मझले किसानों के लिए डायरेक्ट विद्युत सब्सिडी लागू की थी। योजना के तहत हर कृषि उपभोक्ता को 833 रुपए प्रति माह (सालाना अधिकतम 10 हजार रुपए) सब्सिडी देना तय हुआ। बिजली कंपनियों के पास सभी उपभोक्ताओं के बैंक खाते की जानकारी नहीं थी, इसलिए विद्युत बिल में ही सब्सिडी दी जाती रही। सरकार ने केवल खातों में ही सब्सिडी राशि देने के निर्देश दिए। इसके बाद से न तो खाताधारक किसानों को सब्सिडी मिल रही और न ही सीधे बिल में।
किसानों को यूं दे रहे सब्सिडी…
डिस्कॉम………सब्सिडी राशि
जयपुर डिस्कॉम- 3507 करोड़
अजमेर डिस्कॉम- 2562 करोड़
जोधपुर डिस्कॉम- 5039 करोड़
(इसमें टैरिफ व डीबीटी दोनों शामिल है)
टैरिफ में:
नए टैरिफ में कृषि कनेक्शन की विद्युत दर 4.75 रुपए से बढक़र 5.55 रुपए प्रति यूनिट हो गई। अभी तक सरकार किसानों को 3.85 रुपए सरकार सब्सिडी दे रही थी, जो अब बढक़र 4.65 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी। कृषि उपभोक्ता को केवल 90 पैसे प्रति यूनिट वहन करने पड़ रहे हैं। इससे सालाना 11500 करोड़ रुपए का भार आएगा।
डीबीटी में:
सीधे बिल में सब्सिडी में करीब 12.96 लाख उपभोक्ता शामिल हैं। इन्हें प्रतिमाह 833 रुपए अधिकतम सब्सिडी दी जाती रही है। इससे सालाना हजार करोड़ रुपए का भार पडऩे का आकलन किया गया। अभी तक 688 करोड़ रुपए दिए जा चुके हैं। इनमें भी अभी केवल 5.50 लाख उपभोक्ता शामिल है। 7.50 लाख उपभोक्ता अलग हैं जिनके खाते की जानकारी नहीं है या फिर जमीन मालिकाना हक का विवाद है।
(वित्त विभाग का मानना है कि एक ही श्रेणी के उपभोक्ता को अलग-अलग दो तरह से सब्सिडी देने से सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है)
डायरेक्ट बिजली सब्सिडी की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा हुआ है, अभी अनुमति नहीं मिली है। इसलिए किसानों के बिजली बिल में सब्सिडी रोकी है। स्थिति साफ होने के बाद फैसला करेंगे।
ए.के. गुप्ता, एमडी, डिस्कॉम
किसानों को बिल की बजाय सीधे खाते में सब्सिडी देने का मामला था। सब्सिडी रोकने या बंद होने की जानकारी नहीं है। सरकार किसानों की हितैषी है और उसी अनुरूप काम कर रहे हैं।
बी.डी. कल्ला, ऊर्जा मंत्री