बतादें कि इन कॉलोनियों में रह रहे लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि झुग्गीवासी जहां भी रहते हैं वह चाहे निजी हो या सरकारी उसका
मालिकाना हक उन्हें देने का फैसला किया गया है। 1947 में दिल्ली की जनसंख्या 8 लाख थी बंटवारे के बाद यहां बड़ी संख्या में रिफ्यूजी आए। आज एनसीआर की जनसंख्या 2 करोड़ है।
2008 में इसके लिए आखिरी बार प्रयास किया गया था। अब इस फैसले को जल्द ही लागू किया जाएगा।
इतना ही नहीं, मालिकाना हक मिलने के बाद इन कॉलोनियों का विकास भी होगा। यहां सड़कें, सीवर और पार्क भी बनाया जाएगा। मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि बेहद मामूली रेट पर जमीन की रजिस्ट्री होगी। सरकार संसद के अगले सत्र में बिल लाएगी। जैसे ही बिल पास होगा डीडीए इसपर काम करना शुरू कर देगी।
बता दें कि दिल्ली की 1797 अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे लोगों के लिए यह बड़ी राहत है। केंद्र सरकार लंबे समय से इन कॉलोनियों को नियमित करने की तैयारी कर रही थी। मोदी सरकार ने भी अपने 100 दिन के एजेंडे में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा था। हालांकि कैबिनेट मीटिंग में दिल्ली की तीन सम्पन्न कॉलोनियों को नियमित करने को लेकर अभी सस्पेंस बना हुआ है। सरकार अभी इन कॉलोनियों को नियमित करने को लेकर किसी जल्दबाजी में नहीं है। इसके अलावा इसमें उन कॉलोनियों को लेकर भी कोई फैसला नहीं हुआ है, जो वन्य जमीन पर बनी हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार की ओर से लिए गए इस बड़े फैसले को सियासी तौर पर मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।