जब से आया था भांजा, मामा के पास ही रहता था... मंगलवार को भी मामा के पास ही था
भरतपुर शहर मे नगर निगम के पीछे स्थित कोली बस्ती में यह हादसा हुआ। पुलिस ने बताया कि 25 साल का जितेन्द्र अपने एक साल के भांजे नैतिक के साथ था। जितेन्द्र की बहन पिछले सप्ताह गुरुवार को कुछ दिन के लिस लिए घर आई थी। माता पिता और मामा आज एक साल के नैतिक का जन्मदिन मनाने की तैयारी कर रहे थे। परिजनों से बातचीत के आधार पर पुलिस ने बताया कि नैतिक जब से घर आया था उसका मामा जितेन्द्र उसे अपने साथ ही रखता था। काम पर से आने के बाद जितेन्द्र अपने भांजे को अपने कमरे मेें ले जाता और उसे खिलाता रहता था। बुधवार शाम को भी काम से वापस अपने के बाद जितेन्द्र अपने भांजे नैतिक को लेकर छत पर चला गया। वहां कमरे में पतंग रखी थी भांजे को गोद में लेकर पतंग उडाने लगा। कुछ देर में तेज धमाके की आवाज आई तो पता चला कि मामा और भांजा एक मंजिल से नीचे आ गिरे हैं। दोनो को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पता चला सिर में गंभीर चोटें लगने के कारण जितेन्द्र ने रात को दम तोड़ दिया। एक साल के नैतिक को गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
भरतपुर शहर मे नगर निगम के पीछे स्थित कोली बस्ती में यह हादसा हुआ। पुलिस ने बताया कि 25 साल का जितेन्द्र अपने एक साल के भांजे नैतिक के साथ था। जितेन्द्र की बहन पिछले सप्ताह गुरुवार को कुछ दिन के लिस लिए घर आई थी। माता पिता और मामा आज एक साल के नैतिक का जन्मदिन मनाने की तैयारी कर रहे थे। परिजनों से बातचीत के आधार पर पुलिस ने बताया कि नैतिक जब से घर आया था उसका मामा जितेन्द्र उसे अपने साथ ही रखता था। काम पर से आने के बाद जितेन्द्र अपने भांजे को अपने कमरे मेें ले जाता और उसे खिलाता रहता था। बुधवार शाम को भी काम से वापस अपने के बाद जितेन्द्र अपने भांजे नैतिक को लेकर छत पर चला गया। वहां कमरे में पतंग रखी थी भांजे को गोद में लेकर पतंग उडाने लगा। कुछ देर में तेज धमाके की आवाज आई तो पता चला कि मामा और भांजा एक मंजिल से नीचे आ गिरे हैं। दोनो को अस्पताल में भर्ती कराया गया। पता चला सिर में गंभीर चोटें लगने के कारण जितेन्द्र ने रात को दम तोड़ दिया। एक साल के नैतिक को गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत स्थिर बनी हुई है।
तैयारी पूरी थी, केक और कैप सब आ गया था, आज पहला जन्मदिन जो था
जितेन्द्र के पिता डालचंद ने पुलिस को बताया कि पहला जन्मदिन था नवासे का। बेटी घर आई हुई थी। सिर्फ खुशियों के कुछ नहीं था घर में। आज बच्चे के जन्मदिन की तैयारी कर रहे थें। खाने पीने का ऑर्डर दे दिया था। कुछ पकवान घर में बनने थे। इकलौता मामा जीतू तो मानो बावला हो गया था भांजे को लेकर। इकलौते भांजे के लिए कई उपहार लिए थे उसने। किसे पता था कि सब उपहार धरे रह जाएंगे.... उपहार देने वाला इकलौता मामा ही हमेशा के लिए चला जाएगा। परिवार का चिराग हमेशा के लिए बुझ जाएगा। कोली बस्ती में हुए इस घटनाक्रम के बाद पूरी बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है। बस यदा कदा जितेन्द्र के घर से महिलाओं के रोने की आवाज आती है। पूरा परिवार और बस्ती इस हादसे के बाद से सदमे में हैं।
जितेन्द्र के पिता डालचंद ने पुलिस को बताया कि पहला जन्मदिन था नवासे का। बेटी घर आई हुई थी। सिर्फ खुशियों के कुछ नहीं था घर में। आज बच्चे के जन्मदिन की तैयारी कर रहे थें। खाने पीने का ऑर्डर दे दिया था। कुछ पकवान घर में बनने थे। इकलौता मामा जीतू तो मानो बावला हो गया था भांजे को लेकर। इकलौते भांजे के लिए कई उपहार लिए थे उसने। किसे पता था कि सब उपहार धरे रह जाएंगे.... उपहार देने वाला इकलौता मामा ही हमेशा के लिए चला जाएगा। परिवार का चिराग हमेशा के लिए बुझ जाएगा। कोली बस्ती में हुए इस घटनाक्रम के बाद पूरी बस्ती में सन्नाटा पसरा हुआ है। बस यदा कदा जितेन्द्र के घर से महिलाओं के रोने की आवाज आती है। पूरा परिवार और बस्ती इस हादसे के बाद से सदमे में हैं।