दरअसल, सरकारी नौकरियों की बाट जोह रहे बेरोजगार युवाओं ने आज सुबह 7 बजे से हैशटैग ‘’गहलोत_सोये_बेरोजगार_रोये’’ नाम से वर्चुअल कैम्पेन चलाया। इसमें युवाओं ने तो प्रतिक्रियाएं कर अपनी भावनाएं तो व्यक्त की, लेकिन इसी अभियान में देखते ही देखते भाजपा भी शामिल हो गई।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बेरोजगार युवाओं से कई वादे किये थे, जिनके दम पर वे सत्ता में काबिज़ ही सके। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चाहे आप इन्हें वादे के अनुरूप बेरोजगारी भत्ता न दे रहे हों, लेकिन रोजगार से वंचित तो न करें।
इसलिए उठ रहे विरोध के स्वर
सरकार के खिलाफ बेरोज़गार युवाओं का आक्रोश दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। खासतौर से स्कूल व्याख्याता भर्ती परिक्षा 2018 में 14 फीसद पदों की कटौती के बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया है। सरकार के पद कटौती के फैसले से 689 अभ्यर्थी सरकारी नौकरी से वंचित हो रहे हैं। लिहाजा कटौती हुए 14 फ़ीसदी पदों को बहाल करने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जा रही है ।
.. इधर ‘दिल्ली’ से भी मिला आश्वासन
प्रदेश में कम्प्यूटर शिक्षक भर्ती की मांग को लेकर बेरोजगार युवा कम्प्यूटर शिक्षकों ने राज्य सरकार द्वारा सकारात्मक रुख नहीं अपनाने पर कल दिल्ली कूच कर दिया था। बेरोजगारों ने एआईसीसी दफ्तर पहुंचकर अपनी बात रखी, पर यहाँ से भी उन्हें आश्वासन देकर लौटा दिया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल ने मुख्यमंत्री गहलोत से फोन पर वार्ता की बात कहकर मांगे पूरी होने का भरोसा दिलाया।
इस बीच बेरोजगारों का वर्चुअल आंदोलन भी जारी है। बेरोजगार युवाओं के समर्थन में स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।