script1736 पदों की भर्ती पांच साल में भी नहीं हुई, सरकारी दवा काउंटरों पर भी पूरे फार्मासिस्ट नहीं | unemplyment | Patrika News

1736 पदों की भर्ती पांच साल में भी नहीं हुई, सरकारी दवा काउंटरों पर भी पूरे फार्मासिस्ट नहीं

locationजयपुरPublished: May 27, 2022 05:07:28 pm

Submitted by:

Vikas Jain

नौ साल से भर्ती के इंतजार में बेरोजगार फार्मासिस्ट

pharmacist
विकास जैन

जयपुर. प्रदेश के बेरोजगार फार्मासिस्ट नौ साल से सरकारी भर्ती का इंतजार कर रहे हैं। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने वर्ष 2018 में लिखित परीक्षा के माध्यम से 1736 पदों के लिए भर्ती निकाली, लेकिन वह भी अब तक नहीं हो पाई है। यह स्थिति तो तब है, जबकि प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा व जांच योजना में भी फार्मासिस्टों की कमी बनी हुई है और सैकड़ों दवा काउंटरों पर अप्रशिक्षित फार्मासिस्ट दवा वितरण कर रहे हैं।
कुछ समय पहले प्रदेश का औषधि नियंत्रण संगठन भी सरकारी दवा काउंटरों पर नियमानुसार फार्मासिस्ट नियुक्त करने के लिए राजस्थान मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन को पत्र लिख चुका है। 1736 पदों की लंबित भर्ती के बीच राज्य सरकार ने गत वित्तीय वर्ष में फार्मासिस्टों के 2369 नए पद सृजित किए। 442 पद वित्तीय स्वीकृति के लिए प्रक्रियाधीन हैं। वर्ष 2011 और 2013 में हुई भर्तियों के बैक-लॉग पद भी रिक्त हैं।
‘सभी परीक्षाएं लिखित तो फार्मासिस्ट की क्यों नहीं’

कुछ फार्मासिस्टों ने अपनी पीड़ा राजस्थान पत्रिका से साझा करते हुए कहा कि हाल ही राज्य सरकार ने चिकित्सा विभाग की सभी भर्तियां लिखित परीक्षा से कराने का निर्णय किया है। लेकिन इससे पहले फार्मासिस्ट भर्ती फर्स्ट टाइम मेरिट के जरिए कराने की अधिसूचना जारी कर दी गई। इसमें यह ध्यान नहीं रखा गया कि वर्ष 2018 में जिन अभ्यर्थियों ने कोचिंग का शुल्क चुकाया उनका क्या होगा। इनका आरोप है कि परसेंटेज भर्ती का नियम कुछ अभ्यर्थियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाया जा रहा है। इससे होनहार फार्मासिस्टों के सपने चूर हो सकते हैं।
अब संविदा के भरोसे

फार्मा यूथ वेलफेयर संस्थान के अध्यक्ष प्रवीण सैन ने कहा कि 9 साल से भर्ती नहीं होने के बीच चिकित्सा विभाग ने हाल ही एक हजार से अधिक संविदा फार्मासिस्ट के पदों पर भर्तियां करने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार संविदा कर्मियों के नियमितीकरण की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर संविदा कर्मियों की फौज तैयार करने में लगी है। संविदा के तौर पर इन्हें मानदेय भी बेहद अल्प दिया जाता है। अधिकांश संविदा फार्मासिस्ट सरकारी भर्ती की अधिकतम आयु-सीमा को पार करने की कगार पर हैं।

ट्रेंडिंग वीडियो