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आज यूनेस्को की टीम खुद करेगी दौरा, खुल सकती है पोल

locationजयपुरPublished: Sep 25, 2018 01:46:24 pm

Submitted by:

dharmendra singh

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आज यूनेस्को की टीम खुद करेगी दौरा, खुल सकती है पोल

यूनेस्को टीम ने 3 दिन तक नगर निगम की ओर से तय रूट पर किया था निरीक्षण

जयपुर।

गुलाबी नगर के चारदीवारी इलाके को विश्व धरोहर का दर्जा देने के दावे का परीक्षण करने के लिए यूनेस्को की टीम जयपुर दौरे पर है। टीम के दौरे का आज अंतिम दिन है। टीम ने 3 दिन तक नगर निगम जयपुर की ओर से तय किए गए रूट पर निरीक्षण किया था। स्थानीय प्रशासन ने टीम को चारदीवारी की खासियतों के बारे में जानकारी देकर उन्हें जयपुर का भ्रमण करवाया था। लेकिन आज यूनेस्को की टीम अपने हिसाब से जयपुर का दौरा करेगी।
चारदीवारी का भ्रमण करेेेेगी टीम

टीम के सदस्य खुद बिना तय रूट के चारदीवारी का भ्रमण कर पेश किए गए दावों का परीक्षण करेंंगेे। इस दौरान नगर निगम और स्थानीय प्रशासन की ओर से किए गए इंतजामों की पोल खुल सकती है। इसकी बानगी पेश कर रहा है गणगौरी गेट। नगर निगम ने आननफानन में गणगौरी गेट की सड़क वाली साइड तो रंगरोगन कर दिया, लेकिन पीछे का हिस्सा छोड़ दिया। यूनेस्को टीम के दौरे को देखते हुए आननफानन में ऐसे बहुत से इंतजामात किए गए हैं। इनकी आज पोल खुल सकती है।
जयपुर सिटी आॅफ हैप्पीनैस एंड हैप्पनिंग सिटी
यूनेस्को टीम इकोमॉस के विशेषज्ञ शरीफ शेम्स ईमोन के नेतृत्व में जयपुर का दौरा कर रही है। चारदीवारी क्षेत्र के विभिन्न व्यापार मण्डलों के प्रतिनिधियों, पार्षदों और स्थानीय नागरिकों ने वास्तु के आधार पर बसे गुलाबी नगर के बेहतरीन नगर नियोजन, हर गली-मौहल्ले की विशिष्ट व्यापारिक पहचान, उत्कृष्ट कला-संस्कृति, परम्पराओं, पहनावे और खान-पान की गौरवशाली विरासत की जानकारी इकोमॉस टीम को दी। यूनेस्को टीम को बताया गया कि जयपुर एक लिविंग हैरिटेज है। जयपुर सिटी आॅफ हैप्पीनैस एंड हैप्पनिंग सिटी है।
स्थापत्य कला रहेगी मजबूत पक्ष
यूनेस्को टीम को बताया गया है कि जयपुर के बाजार और यहां की आवासीय बसावट बेहतरीन नगर नियोजन का उदाहरण हैं। शहर पूर्णतया वास्तु शास्त्र के आधार पर और दुनिया के बेहतरीन शहरों के नगर नियोजन के अध्ययन के आधार पर विद्याधर और सर मिर्जा इस्माईल के द्वारा बसाया गया। यह शहर नौ चौकड़ियों पर बसा हुआ है। प्रत्येक गलियां मुख्य सड़कों पर खुलती हैं। चारदीवारी क्षेत्र का ड्रेनेज सिस्टम जो आज भी कायम है, जिसकी नहरों से घुड़सवार निकल सकता है। जयपुर के भव्य और कलात्मक प्रवेश द्वार, धूप बारिश से बचाने के लिए बरामदों के अन्दर से पैदल पथ, हेरिटेज कंगूरे, छतरियां, कलात्मक चौपड़, बेहतरीन चौराहे, वास्तु और आध्यात्म को समेटे मन्दिर अपनी कलात्मक और अनूठी विरासत को संजोए हुए हैं। इकोमॉस टीम सदस्यों को जयपुर की हेरिटेज विशेषताओं को समेटे एक लघु फिल्म भी दिखाई गई। जयपुर की अनूठी स्थापत्य कला को विश्व धरोहर दर्जे के लिए मजबूती से रखा गया है।
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