नागौर के करणू गांव में दलित युवकों के उत्पीड़न का मामला लगातार इस कदर गरमाता जा रहा है कि इसकी गूंज जयपुर से दिल्ली तक सुनाई दे रही है। शुक्रवार को इस मामले की जांच के लिए केन्द्र सरकार तथा राज्य सरकार के मंत्री और कई नेता गांव में पहुंचे और अधिकारियों तथा पीड़ित और उनके परिजनों से बातचीत की। इस मामले में अब पुलिस प्रशासन जितनी सक्रियता से लगा है, उससे कहीं ज्यादा सक्रिय राजनीतिक दलों के नेता नजर आ रहे हैं।
सबसे पहले केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल आज सुबह नागौर सर्किट हाउस पहुंचे। उनके साथ स्थानीय विधायक मोहनराम चौधरी और विधायक मदन दिलावर व अन्य भाजपा नेता थे। उनके आने से पहले ही वहां पर दलित समाज के लोग बड़ी संख्या में पहुंच चुके थे। केन्द्रीय मंत्री मेघवाल और भाजपा के जांच दल में शामिल नेताओं ने यहां दलित समाज के लोगों से मामले की जानकारी ली, इसके बाद वे करणू गांव स्थित घटनास्थल गए। वहां से पांचौड़ी थाना पहुंचे। थाने पर नागौर के सीओ मुकुल शर्मा सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने केन्द्रीय मंत्री मेघवाल और भाजपा जांच दल के सदस्यों को अब तक की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी दी। इसके बाद भाजपा का प्रतिनिधिमंडल पीड़ित के गांव भोजास पहुंचा।
इसी तरह दोपहर में करीब दो बजे प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री भंवरलाल मेघवाल नागौर सर्किट हाउस पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस के कई नेता भी थे। मेघवाल ने वहां जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव, जिला पुलिस अधीक्षक डॉ. विकास पाठक सहित अन्य अधिकारियों से घटना की पूरी जानकारी ली तथा दलित समाज के नेताओं से भी मिले। इसके बाद करीब 3 बजे राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, नागौर की पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा नागौर पहुंचे तथा सर्किट हाउस में दलित समाज के नेताओं की बात सुनी। दलित समाज के लोगों का आरोप था कि पुलिस पीडि़त युवकों को थाने में बैठाकर परेशान कर रही है, जबकि उनका उपचार कराना चाहिए। इसके बाद दोनों मंत्री व कांग्रेस के अन्य नेता करणू गए और घटना की जानकारी ली।