भरतपुर। कोरोना संक्रमण ( Corona virus ) और बेरोजगारी के भय से राज्य के विभिन्न जिलों में फंसे मजदूरों के हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने रोडवेज प्रबंधन को राजस्थान के सभी जिलों में फंसे श्रमिकों को उत्तर प्रदेश सीमा तक छोडऩे के आदेश दिए थे, लेकिन भरतपुर में राजस्थान-उत्तर प्रदेश आगरा सीमा ( UP Border ) पर रारह बॉर्डर पर दोनों प्रदेशों के पुलिस व अधिकारियों के बीच छोडऩे और न छोडऩे को लेकर रार पैदा हो गई। इन हालात में सरकार के आदेश पर रोडवेज प्रबंधन ने बसों के संचालन पर रोक लगा दी। यूपी के प्रशासन ( UP Adminstration ) ने श्रमिकों को अपनी सीमा में प्रवेश से इनकार कर दिया ( Refuses to take migrant laborers into the border ) । ( Jaipur News )
-दो दिन…200 बसें…18000 लोगों को बॉर्डर पर पहुंचाया इन हालात में सरकार के आदेश पर रोडवेज प्रबंधन ने बसों के संचालन पर रोक लगा दी। अब राज्य से यूपी बॉर्डर तक किसी बस का संचालन आगामी आदेश तक नहीं होगा। वैसे बीते दो दिन में दो सौ बसों से 18 हजार से अधिक लोगों को बॉर्डर तक पहुंचाया है, लेकिन अब यह व्यवस्था बंद कर दी है। दरअसल रविवार देर शाम यूपी के प्रशासन ने श्रमिकों को अपनी सीमा में प्रवेश से इनकार कर दिया। इससे विवाद की स्थिति बन गई। वजह, पलायन करने वाले श्रमिकों में सबसे ज्यादा यूपी, महाराष्ट्र व बिहार के ही हैं।
-यूपी सरकार कहिन… भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक अवेधश शर्मा, प्रबंधक प्रशासन राजेंद्र शर्मा, नीरज दाहिना व राकेश सैनी का कहना है कि रविवार शाम छह बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक बसों से साढ़े सात हजार लोगों को ऊंचा नगला व रारह बॉर्डर पर छोड़ा गया, लेकिन यूपी के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने इन्हें यूपी सीमा में घुसने से रोक दिया। कहा कि वापस ले जाओ, यहां संक्रमण नहीं फैलाना है। इसके बाद सोमवार दोपहर से लेकर देर रात तक अधिकारी शहर में घूमते रहे, क्योंकि बड़ी संख्या में लोग शहर में भी घुस गए।