दरअसल आज जैसे ही प्रश्नकाल खत्म हुआ तो महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने सतीश पूनिया के बयान का मामला उठाते हुए सतीश पूनिया पर कार्यवाही की मांग की और हाथों में तख्तियां लहराई। जिस पर सत्तापक्ष के विधायकों ने भी मंत्री के सुर में सुर मिलाया।
इस पर विपक्ष के विधायक भी खड़े हो गए और जोर-जोर से बोलने लगे। ममता भूपेश ने कहा कि आमेर विधायक ने बजट की तुलना काली दुल्हन से की है, महिलाओं को पेश करने जैसी शब्दावली से संबोधित कर अपमान किया है। उन्हें माफी मांगनी चाहिए, सदन में काफी देर हंगामा होता देख स्पीकर सीपी जोशी ने हस्तक्षेप करके मामले को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन हंगामा जारी रहा।
इस पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने सदन की कार्रवाई आधे घंटे के लिए स्थित कर दी। इसके बाद जब दोबारा शुरू हुई तो ममता भूपेश और कांग्रेस के अन्य विधायक हाथों में तख्तियां ले खड़े हो गए। उधर से भाजपा विधायक भी हाथों में तख्तियां लेकर खड़े हो गए, जिस पर विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने दोनों पक्षों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस तरह का विरोध नहीं चलेगा और आगे से सदन में कोई भी तख्तियां लेकर नहीं जाएगा।
अगर किसी को विरोध करना है तो तो वह शालीनता में रहकर करें, लेकिन इस तरह के विरोध की इजाजत नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि सतीश पूनिया के बयान को लेकर राज्य महिला आयोग ने भी सख्ती दिखाई थी और सतीश पूनियां से माफी की मांग की थी, हालांकि आज सतीश पूनियां ने अपने बयानों के लिए माफी मांग ली है।