अक्षत ने बताया कि वह कम किताबें पढ़ते थे, लेकिन जो भी पढ़ा उनके नोट्स बनाए और बार-बार रिवाइज किया। परीक्षा के समय नोट्स से बहुत मदद मिली। फस्र्ट अटैम्प्ट में प्री तक नहीं पहुंचा अक्षत ने बताया कि कभी भी हताश नहीं होता था। न ही कभी यह सोचा कि यदि नहीं हुआ तो क्या होगा। बीच-बीच में परेशानियां भी आईं, लेकिन कभी पीछे नहीं रहा। अक्षत ने बताया कि यह उसका दूसरा अटैम्ट है। पहले अटैम्प्ट में प्री परीक्षा भी पास नहीं कर पाया। सोचा न था कि सैकंड रैंक आएगी- आइआइटी गुवाहाटी से ग्रेजुएशन करने वाले अक्षत ने बताया कि परीक्षा की तैयारी पूरी थी। इतना यकीन था कि मेरिट लिस्ट में नाम आएगा, लेकिन यह कभी नहीं सोचा था कि रैंक ही दूसरी आ जाएगी। टेक्स्ट सीरिज पर फोकस रखें और जनरल स्टडी करनी चाहिए। मैं कोचिंग को बुरा नहीं मानता। यदि कोई कोचिंग करें, तो उसे अच्छे से करे। उन्होंने कहा कि यह नहीं होना चाहिए कि कोचिंग को मस्ती-मजाक में लें। कोशिश करनी चाहिए कि जनरल स्टडी करें। पढ़ाई के दौरान मैंने हमेशा आंसर राइटिंग और टेक्स्ट सीरिज पर ज्यादा फोकस रखा।
खुद की स्ट्रेटजी बनाएं
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि दूसरों की स्टे्रटजी को कभी भी कॉपी नहीं करना चाहिए। यदि आप सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं, तो खुद की स्ट्रेटजी बनाए। जरूरी नहीं है कि मशीन की तरह घंटों पढ़ाई करें। पढ़ाई के साथ-साथ जो आपको पसंद हो उसे करें। साथ ही प्री के साथ-साथ मैन्स एग्जाम की भी तैयारी साथ रखें।
फुटबॉल खेलना और फिटनेस पर ध्यान देना पसंद
अक्षत ने बताया कि उसे फुटबॉल खेलना बहुत अच्छा लगता है। साथ ही फिटनेस पर ध्यान देना भी। उन्होने बताया कि रोजाना शाम को वह एरोबिक्स करते हैं।