ऐसे हो रही संपत्तियों की कोडिंग संपत्तियों का कोड अंकों में है। पहले दो अंक लोकल गवर्नमेंट डॉयरेक्टरी (राज्य कोड) के हैं। तीन से पांच अंक तक स्थानीय निकाय का कोड हैं। छह से सात अंकों तक स्थानीय निकाय का जोनल कोड और आठ से दस अंकों तक स्थानीय निकाय का वॉर्ड कोड है। इस तरह 11 से 16 अंकों तक संपत्ति का कोड है। R (आर)-आवासीय के लिए, N (एन)- कमर्शियल के लिए और M (एम)-मिश्रित प्रॉपर्टी के लिए निर्धारित है
डिजिटाइज ब्योरे से ली जाएगी मदद निकायों में संपत्तियों का कोड निर्धारित करने के लिए डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया चल रही है। स्वायत्त शासन विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि डिजिटाइजेशन से सभी संपत्तियों की सूची तैयार कर उसकी कोडिंग करवाई जाए। इसके बाद पोर्टल के जरिए कोडिंग की व्यवस्था प्रभावी तरीके से लागू हो।