यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 जारी की गई है, इसके अधीन कृषि प्रसंस्करण उद्योग एवं संरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए नगरीय विकास विभाग की ओर से भू-रूपान्तरण या अन्य छूट और सुविधा दी गई है। इसके तहत शहरों में प्रभावी व ड्राफ्ट मास्टर प्लान में आवासीय, प्लान्टेंशन बैल्ट, ईकोलोजिकल जोन व ईकोसेन्सेटिव जोन, रिक्रिएशन जोन (पार्क, प्ले ग्राउड आदि) तथा उदयपुर मास्टर प्लान में दर्शाये गये जी-2 जोन को छोडकर अन्य सभी भू-उपयोग में राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के अधीन स्थापित होने वाले उद्योग स्वीकृत होंगे।
उन्होनें बताया कि राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय और कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 के तहत प्रस्तावित उद्योगों के लिए राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम, 1956 की धारा 90-ए के आवेदन के साथ भूमि अवाप्ति में न होने, कोर्ट में मामला लम्बित ना होने, भूमि का टाइटल निर्विवादित होने, भूमि प्रतिबन्धित श्रेणी में नहीं होने बाबत शपथ पत्र लेकर 90-ए का आदेश जारी किया जा सकेगा। उक्त भूमि संबंधित निकाय के नाम दर्ज की जाकर नियमानुसार ले-आउट प्लान/साइट प्लान अनुमोदित कर जारी किया जा सकेगा। यदि अनुमोदन बाद आवेदक द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र में अंकित तथ्यों को गलत पाये जाने की स्थिति में आवेदक द्वारा जमा कराई गई राशि जब्त कर ली जाएगी और अनुज्ञा/अनुमोदन स्वतः ही निरस्त माना जाएगा।