हाईकोर्ट ने पिछले साल तीन जुलाई को बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की स्थिति में बुझाने के पर्याप्त संसाधन न होने की वजह से 32 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले निर्माण पर रोक लगा दी थी। अब सरकार ने प्रदेश में 32 मीटर से ऊंची इमारतों की स्वीकृति जारी करने का रास्ता साफ कर दिया है।
— जिन शहरों में जिस ऊंचाई के एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म उपलब्ध है, उस ऊंचाई तक की भवन निर्माण की अनुमति भवन विनियम 2020 के अनुसार वैटरमेंट लेबी वसूल कर दी जा सकेगी।
— जिन शहरों में निर्धारित ऊंचाई की एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म नहीं है, लेकिन कार्यादेश जारी कर दिए गए है, वहां भवन मानचित्र अनुमोदन के दौरान विकासकर्ता से शपथ पत्र लिया जाए, जिसमें संबंधित नगर निकाय में निर्धारित ऊंचाई की एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म उपलब्ध होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने की शर्त शामिल होगी।
— जयपुर, जोधपुर, अजमेर विकास प्राधिकरणों में 40 मीटर व बाकि शहरों में 30 मीटर से ज्यादा ऊंचाई के मामले राज्य सरकार को भेजे जाएंगे।