— नगरीय विकास विभाग ने जारी किए निर्देश
जयपुर। राजधानी सहित प्रदेश के बड़े शहरों में 32 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों का निर्माण (32 meters high buildings Construction ) हो सकेगा। इन शहरों के विकास प्राधिकरण और नगर निकाय इसके लिए स्वीकृति दे सकेंगे। नगरीय विकास विभाग (Urban development department) ने गुरुवार को इसे लेकर सभी प्राधिकरण और निकायों को आदेश जारी कर दिए है।
जयपुर। राजधानी सहित प्रदेश के बड़े शहरों में 32 मीटर से अधिक ऊंची इमारतों का निर्माण (32 meters high buildings Construction ) हो सकेगा। इन शहरों के विकास प्राधिकरण और नगर निकाय इसके लिए स्वीकृति दे सकेंगे। नगरीय विकास विभाग (Urban development department) ने गुरुवार को इसे लेकर सभी प्राधिकरण और निकायों को आदेश जारी कर दिए है।
अब जयपुर के अलावा जोधपुर, भरतपुर, अजमेर, कोटा, बीकानेर और उदयपुर में 32 मंजिल से अधिक ऊंची इमारत का निर्माण हो सकेगा। इनमें कुछ शहरों में 32 मीटर से ऊंची एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म आ चुकी हैं। वहीं, कुछ में वर्कऑर्डर जारी कर दिए गए हैं। इसी को देखते हुए नगरीय विकास विभाग ने निकायों को आदेश दिए हैं।
पिछले साल जुलाई में लगाई थी रोक
हाईकोर्ट ने पिछले साल तीन जुलाई को बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की स्थिति में बुझाने के पर्याप्त संसाधन न होने की वजह से 32 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले निर्माण पर रोक लगा दी थी। अब सरकार ने प्रदेश में 32 मीटर से ऊंची इमारतों की स्वीकृति जारी करने का रास्ता साफ कर दिया है।
हाईकोर्ट ने पिछले साल तीन जुलाई को बहुमंजिला इमारतों में आग लगने की स्थिति में बुझाने के पर्याप्त संसाधन न होने की वजह से 32 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले निर्माण पर रोक लगा दी थी। अब सरकार ने प्रदेश में 32 मीटर से ऊंची इमारतों की स्वीकृति जारी करने का रास्ता साफ कर दिया है।
ये दिए निर्देश
— जिन शहरों में जिस ऊंचाई के एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म उपलब्ध है, उस ऊंचाई तक की भवन निर्माण की अनुमति भवन विनियम 2020 के अनुसार वैटरमेंट लेबी वसूल कर दी जा सकेगी।
— जिन शहरों में निर्धारित ऊंचाई की एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म नहीं है, लेकिन कार्यादेश जारी कर दिए गए है, वहां भवन मानचित्र अनुमोदन के दौरान विकासकर्ता से शपथ पत्र लिया जाए, जिसमें संबंधित नगर निकाय में निर्धारित ऊंचाई की एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म उपलब्ध होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने की शर्त शामिल होगी।
— जयपुर, जोधपुर, अजमेर विकास प्राधिकरणों में 40 मीटर व बाकि शहरों में 30 मीटर से ज्यादा ऊंचाई के मामले राज्य सरकार को भेजे जाएंगे।
— जिन शहरों में जिस ऊंचाई के एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म उपलब्ध है, उस ऊंचाई तक की भवन निर्माण की अनुमति भवन विनियम 2020 के अनुसार वैटरमेंट लेबी वसूल कर दी जा सकेगी।
— जिन शहरों में निर्धारित ऊंचाई की एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म नहीं है, लेकिन कार्यादेश जारी कर दिए गए है, वहां भवन मानचित्र अनुमोदन के दौरान विकासकर्ता से शपथ पत्र लिया जाए, जिसमें संबंधित नगर निकाय में निर्धारित ऊंचाई की एरियल हाइड्रोलिक लेडर प्लेटफार्म उपलब्ध होने के बाद ही निर्माण कार्य शुरू करने की शर्त शामिल होगी।
— जयपुर, जोधपुर, अजमेर विकास प्राधिकरणों में 40 मीटर व बाकि शहरों में 30 मीटर से ज्यादा ऊंचाई के मामले राज्य सरकार को भेजे जाएंगे।