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हाईकोर्ट में अर्जेंट केस की होगी सुनवाई,अधीनस्थ अदालतें में भी दो घंटे सुनवाई

locationजयपुरPublished: Mar 19, 2020 06:35:10 pm

Submitted by:

Mukesh Sharma

(Corona Virus)कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए (Highcourt) हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अदालतों को 31 मार्च तक पूरी तरह से बंद करने को लेकर गुरुवार को (Bar nad Bench) बार और बैंच में जमकर रस्साकशी हुई। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति की अध्यक्षता में गुरुवार को दोपहर दो बजे होने वाली बैठक सुबह 11 बजे आयोजित की गई।

जयपुर

(Corona Virus)कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए (Highcourt) हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अदालतों को 31 मार्च तक पूरी तरह से बंद करने को लेकर गुरुवार को (Bar nad Bench) बार और बैंच में जमकर रस्साकशी हुई। मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति की अध्यक्षता में गुरुवार को दोपहर दो बजे होने वाली बैठक सुबह 11 बजे आयोजित की गई। बैठक में मुख्य न्यायाधीश सहित अधिकांश न्यायाधीशों ने अदालतों को पूरी तरह से बंद करने से इनकार कर दिया। हालांकि दोपहर बाद रजिस्ट्रार जनरल ने एक अधिसूचना जारी कर अर्जेंट केस की सुनवाई की व्यवस्था की है। साथ ही हाईकोर्ट ने अधीनस्थ अदालतों मंे भी अब केवल दो घंटे अर्जेंट केस की सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में मौजूद राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महेन्द्र शांडिल्य और महासचिव अंशुमान सक्सैना ने सुझाव दिया कि हैल्थ इमर्जेंसी को देखते हुए अभी 31 मार्च तक अदालतें पूरी तरह बंद कर दी जाएं। इसके बदले वकील गर्मियों के अवकाश में काम करने को राजी हैं,लेकिन मुख्य न्यायाधीश सहित कोई भी न्यायाधीश इसके लिए तैयार नहीं हुए। बात नहीं बनी तो वकीलों ने कह दिया कि यदि न्यायाधीश चाहते हैं तो वह अदालतों में बैठें,लेकिन वकील काम नहीं करेगें।
बैठक के अधिकांश न्यायाधीशों ने अदालतों मंे बैठकर काम करना शुरु कर दिया तो नाराज वकीलों ने हंगामा कर दिया। इस पर अध्यक्ष शांडिल्य के नेतृत्व में वकील मुख्य न्यायाधीश की कोर्ट में पहुंचे और उनसे काम बंद करने का आग्रह किया। इस दौरान कुछ वकीलों की मुख्य न्यायाधीश से तीखी बहस भी हो गई। हालांकि माहौत शांत होने पर मुख्य न्यायाधीश ने थोड़ी ही देर में नई व्यवस्था करने का आश्वासन दिया। हालांकि बार कौंसिल आॅफ राजस्थान ने प्रदेश के सभी वकीलों को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद शाम को हाईकोर्ट बार ने भी वकीलों को न्यायिक कार्यों का बहिष्कार करने को कहा है।
अब 31 मार्च तक यह होगी व्यवस्था-

रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार हाईकोर्ट में केवल अर्जेंट केस ही सुने जाएंगे। वकील हर दिन सुबह 10.30 से 12 बजे तक ई-मेल,व्हाट्सएप और हाईकोर्ट की वैबसाइट के जरिए प्रतिपक्ष के वकील को याचिका या अर्जी की कॉपी देकर अर्जेंट मीमो भेजेगें। वकील ईमेल के जरिए अपनी लिखित बहस भी पेश कर सकेगें। कोर्ट ने 20 मार्च से 31 मार्च तक जिन केस में तारीख दे दी हैं उनकी तारीखें करीब एक महीने आगे बढ़ा दी हैं और सभी मामलों में चल रहे अंतरिम आदेश भी निरंतर जारी रहने के निर्देश दिए हैं। याचिका,अर्जी,लिखित बहस और अन्य दस्तावेज पेश करने के लिए काउंटर पर एक बार में केवल एक वकील या उनके क्लर्क या याचिकाकर्ता स्वयं को अनुमति होगी। केवल अर्जेंट केस में मांगी गई राहत पर ही सुनवाई होगी या मामले को बिना किसी विपरीत आदेश के आगे की तारीख दे दी जाएगी।
अधीनस्थ अदालतों में केवल दो घंटे काम-

हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए राज्य की सभी अधीनस्थ अदालतों को भी दोपहर दो से शाम 4 बजे तक केवल अर्जेंट केस सुनने के निर्देश दिए हैं।
50 फीसदी स्टॉफ जाएगा अवकाश पर-

हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट की जोधपुर मुख्य पीठ और जयपुर बैंच में 50 फीसदी स्टॉफ को भी दो बैच में दो-दो दिन के अवकाश पर भेजने का निर्णय किया है। पहला बैच 23 और 24 और 29 व 30 मार्च को ड्यूटी करेगा और 26,27 तथा 31 मार्च को अवकाश पर रहेगा। इसी प्रकार 26,27 और 31 मार्च को दूसरा बैच ड्यूटी करेगा जबकि 23,24 और 28 व 30 मार्च को अवकाश पर रहेगा।
अधीनस्थ अदालतों में-

पहला बैच 23,24 और 30 मार्च को ड्यूटी करेगा और 26,27 और 31 मार्च को अवकाश पर रहेगा। दूसरा बैच 26,27 और 31 मार्च को ड़्यूटी पर रहेगा और 23,24 और 30 मार्च को अवकाश पर रहेगा।
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