सुरक्षाबल से जुड़े एक अधिकारी कहते हैं कि गर्मी आ रही बर्फ पिघलेगी तो आतंकियों की सक्रियता बढ़ेगी। यह उसी की तैयारी है। दूसरी बात अफगानिस्तान में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई ने उसे दबाव में ला दिया है। तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात पाकिस्तानी सेना की विश्वसनीयता अमरीकापरस्त होने की दिखाई देने लगी है। ऐसे में कश्मीर ही एक ऐसा मुददा है, जहां वह आतंक फैला अहमियत जताने का प्रयास करें। कोई बड़ी बात नहीं।
महत्वपूर्ण बात यह है कि यह दो प्रणाली ही अभी तक सैन्यबलों के सामने आई है इस पर एनटीआरओ और डिफेंस इंटेलीजेंस एजेंसी काम कर रही है लेकिन इसके मायने यह हैं कि ऐसी कई आधुनिक चीजें आतंकियों के हाथ जो अफगानिस्तान में लगी हैं। वह भी एलओसी पार कर चुकी हैं। यह फोन जिस उत्तरी क्षेत्र में सक्रिय हुए हैं। वह आतंकियों की शरणस्थली और गोदाम के रूप में काम करते हैं।
फरवरी में हुए थे सक्रिय
खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमरीकी इरेडियम सैटेलाइट फोन है। कश्मीर में एक साथ आठ फोन शम्शाबारी व पीरपंजाल रेंज में 13 फरवरी को सक्रिय हुए। इसके बाद 10.30 से लेकर दोपहर 3 बजे तक बांदीपोरा, गांदरबल, कुपवाड़ा, बडगाम और पुलवामा में सक्रिय रहे। बारामूला में दो बार सक्रिय हुए। 14 फरवरी को दो बांदीपोरा, दो बारामूला और एक उरी के सामने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सक्रिय रहा।
करगिल युद्ध में भारतीय सेना ने किया था प्रयोग
करगिल युद्ध के समय भारतीय सेना ने भी इस इरेडियम सैटेलाइट का फोन जवानों की घर से बातचीत करने के लिए किया था। इरेडियम अमरीका की संचार उपग्रह फोन को संचालित करने वाली एक निजी कंपनी है। इसका खुद का ही एक उपग्रह है। कुछ दिन पहले इसका एक उपग्रह गिर भी गया था।