आरोपी हंसराज 8वीं कक्षा पास है। उसने 1994 में अपराध की दुनिया में कदम रखा था। शुरुआती दिनों में हंसराज ने सीवरेज के ढक्कन चोरी व लोहे की ग्रिल चुराता था। इसके बाद फायर आर्म्स की वारदात करने लगा। बड़े व नामी होटलों में ठहरने व वेश्यावृत्ति, महंगी शराब के शौक पूरे करने के लिए हंसराज चोरी करने लगा। चोरी का सामान बेचकर कमाए रुपयों से पॉश इलाकों में भूखंड खरीदने में निवेश करता है। आरोपी हसंराज के खिलाफ राजस्थान दिल्ली सहित आस-पास के राज्यों में अलग अलग थानों में करीब 6 दर्जन से अधिक अभियोग दर्ज है तथा काफी प्रकरण में सजा भी मिल चुकी है।
आदर्श नगर थानाप्रभारी बृजभूषण अग्रवाल ने बताया कि हंसराज राजभर और उसकी गैंग दिल्ली व आसपास के सीमावर्ती राज्यों में मोबाइल स्टोर में नकबजनी की वारदात करते है। महंगे उपकरण चुराकर ये लोग कार से तुरंत दूसरे राज्य में भाग निकलते है। नकबजनी के बाद ये लोग शोरुम में लगे सीसीटीवी व डीवीआर तोड़ कर चुरा ले जाते है, ताकि वे पकड़े नहीं जा सके। जयपुर में वारदात के बाद सूचना मिली कि दोनों बदमाश कार से भाग रहे है। तब जयपुर-दिल्ली हाइवे पर दौलतपुरा टोलनाके पर धरदबोचा। यह कार्रवाई सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार और जिला स्पेशल टीम के प्रभारी इंस्पेक्टर मनोहर लाल के नेतृत्व में टीम ने की। दोनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस पूछताछ में सामने आया कि आरोपी दिल्ली से वाहन लेकर अलग अलग शहरों में जाकर दिन में मार्केट में पहुंचकर दुकानों की रैकी करके दुकान चिन्हित कर शाम के समय शराब या अन्य नशीले पदार्थों का नशा करके दुकान बंद होने के बाद रात में अपना वाहन दुकान से कुछ दूरी पर खड़ा करके बहुत कम समय में दुकान का ताला तोड़कर वअपने साथ लाए वाहन में सामान रखकर फरार होजाते हैं।