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सेना का साहस और तकनीक तो थी, राजनीतिक इच्छा शक्ति का था अभाव – रावत

locationजयपुरPublished: Apr 20, 2019 06:18:28 pm

Submitted by:

rohit sharma

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बोले, 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होते-होते सरकार के काम और निखर कर आएंगे

Trivendra Singh Rawat

Trivendra Singh Rawat

शादाब अहमद/जयपुर।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि देश के सैनिकों के पास पहले भी साहस था, सर्जिकल स्ट्राइक करने की तकनीक थी, एंटी सैटेलाइट मिसाइल थी, लेकिन राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव था, जिसकी वजह से सेना पर सरकार को विश्वास नहीं था। इन पांच साल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक इच्छाशक्ति के दम पर सब कुछ कर दिखाया। रावत ने यह बात शनिवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहीं।
उन्होंने कहा कि मोदी ने देश की सुरक्षा को सबसे पहले रखा है। इसकी झलक उनके कामकाज में देखने को मिली है। उत्तराखंड में अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर सरकार ने सुरक्षा को ध्यान में रखकर कई विकास कार्य करवाए। इससे सुरक्षा इंतजाम तो कड़े हुए, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिला।
रावत ने कहा कि आज देश मोदी को चाहता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 55 साल बनाम मोदी के 55 महीने के कामकाज का यह चुनाव है। 2022 में भारत की आजादी के 75 साल पूरे होते-होते सरकार के काम और निखर कर सामने आएंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने भ्रष्टाचार को समाप्त कर दिया है। अब दिल्ली से चले 100 रुपए गांव में बैठे व्यक्ति को पूरे मिल रहे हैं। भाजपा के समय भारत दुनिया में 11 से 6 वें स्थान पर पहुंच गया और विकास दर भी बढ़ गई।
प्रज्ञा से व्यवहार ठीक नहीं हुआ, ज्यादा बोलने की स्थिति में नहीं

साध्वी प्रज्ञा सिंह के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए विवादित बयान पर रावत ने कहा कि प्रज्ञा के साथ हुए व्यवहार पर वह ही समझ सकती है। जिस तरह की खबरें आती थी, उससे यह तो सही है कि प्रज्ञा के साथ व्यवहार ठीक नहीं हुआ। इसके कारण वो ही बता सकते हैं, इस मामले में इससे ज्यादा बोलने की स्थिति में मैं नहीं हूं।
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