आरसीए की ‘कप्तानी’ यानी की अध्यक्ष पद पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का सीधा मुकाबला जोधपुर के भाजपा नेता रामप्रकाश चौधरी से था। सुबह 9 बजे से 12 बजे तक हुए मतदान में 32 मतदाताओं में से 31 मतदाताओं ने वोट डाले। पूर्व अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी गगन खेड़ा ही एकमात्र वोटर रहे जिन्होंने वोट नहीं डाला।
वोटिंग के दौरान हंगामा आरसीए चुनाव 2019 के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू होने के लगभग दो घंटे के बाद मतदान स्थल पर जमकर हंगामा हुआ। सचिव पद के प्रत्याशी सोमेंद्र तिवाड़ी ने मतदान के दौरान प्रॉक्सी वोट को लेकर ऐतराज जताया और हंगामा खड़ा किया।
एकाएक हुए इस हंगामे से मतदान स्थल पर हड़कंप का माहौल बन गया। जाप्ते के साथ पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और हंगामा कर रहे पदाधिकारियों को मतदान स्थल से बाहर निकाला। स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए मतदान स्थल और आस-पास पुलिस जाप्ता तैनात रहा। पुलिस ने हर हलचल पर पैनी नज़र रखते हुए हर गतिविधि की वीडियोग्राफी करवाई है।
‘सब कुछ फिक्स’: तिवाड़ी प्रॉक्सी वोट को लेकर हंगामा खड़ा करने वाले पदाधिकारी सोमेंद्र तिवाड़ी ने आरोप लगाए कि अंदर सबकुछ फिक्स है। तिवाड़ी ने कहा कि प्रॉक्सी वोटों पर नंबर डलवाये जा रहे हैं, जो सही नहीं हैं। उन्होंने पुलिस कार्यशैली को लेकर भी सवाल उठाये। इधर मामले में जोशी गुट ने कहा कि मतदान स्थल पर सब कुछ सामान्य रहा। हंगामा डूडी गुट के हारने की बौखलाहट है।
गौरतलब है कि राजस्थान क्रिकेट संघ के चुनाव इस बार भी रोचक बन गए। सीपी जोशी और रामेश्वर डूडी की टीमें एक-दूसरे के सामने मैदान में उतरीं। इधर, आरसीए की पिच पर इस बार सियासी घालमेल की अजब तस्वीर देखने को मिली। भाजपा नेता कांग्रेस की टीम के साथ, जबकि कांग्रेस नेता भाजपा टीम के साथ दिखे। सीपी जोशी गुट ने भाजपा के अमीन पठान को उतारा तो वहीं कांग्रेस नेता रामेश्वर डूडी गुट ने कांग्रेस के ऐश्वर्य कटोच और भाजपा के रामप्रकाश चौधरी और पिंकेश को उतारा है।
हाईलाइट्स- – जोशी गुट: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री अमीन पठान को उतारा। – डूडी गुट: कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंद्रेश कुमारी के पुत्र ऐश्वर्य कटोच मैदान में हैं। – जोधपुर कनेक्शन के चलते चंद्रेश कुमारी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की। राज्य के एक कैबिनेट मंत्री भी कटोच के लिए लॉबिंग में जुटे रहे।
-जोशी और डूडी गुट के नेता अपने-अपने समर्थकों के साथ दिनभर रणनीति बनाने में जुटे रहे। – नाम वापसी के आखिरी समय तक समझौते को लेकर भी दोनों गुटों के कुछ नेता सक्रिय नजर आए।
– सूत्रों का कहना है कि डूडी-मोदी गुट ने समझौते के लिए उपाध्यक्ष और संयुक्त सचिव का पद मांगा, लेकिन इस पर बात नहीं बन सकी।
डूडी गुट के पैनल में संयुक्त सचिव पद के दो उम्मीदवार
डूडी गुट में संयुक्त सचिव पद को लेकर झगड़ा हो गया है। उसके गुट से भाजपा नेता पिंकेश जैन और ब्रजकिशोर उपाध्याय दोनों ने नाम वापस नहीं लिया। इसके चलते अब दोनों चुनावी मैदान में डट गए हैं। नांदू ने बताया कि पिंकेश को गुरुवार को नाम वापस लेना था, लेकिन बुखार होने के कारण वह चुनाव अधिकारी के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके और उनका नामांकन वापस नहीं लिया जा सका। उन्होंने दावा किया कि पिंकेश अब बृजकिशोर को ही वोट देने की अपील करेंगे। उधर, जोशी गुट के रामपाल शर्मा ने कहा कि डूडी गुट में विवाद के कारण संयुक्त सचिव पद पर पिंकेश का नाम वापस नहीं हो सका।