वैरिकाज नसों को सबसे अधिक पैरों में देखा जाता है, खासकर घुटनों के पीछे के एरिया में। यह त्वचा की सतह के नीचे मुड़ी व बढ़ी हुई नसों के रूप में दिखाई देते हैं सामान्य लक्षणों में भारीपन, हल्का दर्द, त्वचा के रंग में बदलाव चुभन वाला दर्द बैचेनी और ऐंठन या तेज दर्द भी शामिल हैं।
वैरिकाज नसों को आसानी से रोका जा सकता है और जीवन शैली में कुछ सिंपल बदलाव करके इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। स्वस्थ्य वजन बनाए रखें और नियमित व्यायाम करें। यदि आपके काम में लंबे समय तक बैठे या खड़े रहना शामिल है, तो सुनिश्चित करें कि आप छोटे अंतराल के दौरान नियमित रूप से चलते-फिरते रहें।
डॉ. राजेंद्र बंसल ने बताया कि जिन रोगियों में यह बीमारी जल्दी पकड़ में आ जाती है, उन्हें अपने पैरों को ऊंचाई पर रखने या ब्लड सर्कुलेशन को बहाल करने और सुधारने के लिए कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनने की सलाह दी जा सकती है, जटिल मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। कुछ विकल्पों में वेनस लिगेशन और स्ट्रिपिंग, फ्लेबेक्टोमी और एंडो वेनस लेजर थेरेपी शामिल हैं। रेडियो फीक्वेंसी एब्लेशन थेरेपी (आरएफए) और मेडिकल एडहेसिव थेरेपीज इस समस्या से निपटने के लिए नए ट्रीटमेंट के ऑप्शन के तौर पर सामने आ रही हैं। तकनीक में रेडियो फ्रीक्वेंसी ऊर्जा का उपयोग एक नस के अंदर की वॉल को गर्म करने और नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है, यह पैर में सिकुडऩ के लिए वैरिकाज वेंस बनाता है।