scriptवरुणा वर्मा ने किताब में खोले आर्मी लाइफ के राज | Varuna Verma tells about amazing life of an army man. | Patrika News

वरुणा वर्मा ने किताब में खोले आर्मी लाइफ के राज

locationजयपुरPublished: Feb 16, 2020 07:05:09 pm

आमतौर पर हम सेना को युद्ध या आपदा के समय हमारी रक्षक के रूप में ही जानते हैं, लेकिन इनसे इतर सैनिक छावनियों एवं शांतिकाल में सैनिकों एवं उनके परिवारों के जीवन के पक्षों से हम प्राय: रूबरू नहीं हो पाते। सैन्य परिवार से ही ताल्लुक रखने वाली लेखिका वरुणा वर्मा की पुस्तक ‘इन्फिनिटी वैरायटी ऑफ आर्मी लाइफÓ ऐसे ही अनछुए पहलुओं को उजागर करती है।

book on army life

book on army life

आईएएस एसोसिएशन की ओर से रविवार को टेक्नो-हब में आयोजित साहित्यिक चर्चा की कड़ी में वरुणा वर्मा ने अपनी पुस्तक की विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘लिव लाइफ टू द फुलÓ ही सही अर्थ में सैन्य जीवन है। ऐसा जीवन सैन्य सेवा में ही संभव हो सकता है।
लेखिका ने कहा कि सामान्य जीवन में हमें ऐसे अवसर उपलब्ध नहीं हो पाते, जो एक आर्मी मैन को मिल पाते हैं। सु:ख-दुख, अनुशासन, सहयोग एवं रोमांच सहित जीवन के विविध पहलू एक सैनिक की दिनचर्या का हिस्सा है। देशसेवा के कर्तव्य के साथ-साथ वहां जीवन के हर पल को जीने का अवसर है। जीवन का बेहतर प्रबंधन एक आर्मीमेन से सीखा जा सकता है।
सैन्य अफसर पिता के संस्मरण किए साझा
इस पुस्तक में वर्मा ने आर्टिलरी डिवीजन में ऑफिसर रहे अपने पिता के संस्मरणों को साझा करते हुए कहा कि भारत-पाक एवं चीन के साथ हुए युद्ध के समय जब मेरे पिता मोर्चे पर तैनात थे तो उस समय युद्ध की सूचना का माध्यम केवल रेडियो हुआ करता था। हम सभी छावनियों में रह रहे सैनिक परिवार रेडियो से ही युद्ध के हालात जानते थे।
लेखिका भी बनना चाहती थी आर्मी अफसर
उन्होंने कहा, मैं स्वयं भी पिता के अनुशासन से प्रेरित होकर एक आर्मी ऑफिसर बनना चाहती थी, लेकिन उस समय महिलाओं के लिए फौज में इतने अवसर नहीं थे। लेखिका ने तबादले पर होने वाली विदाई पार्टी, बंगलो, सेना का बड़ा खाना, नव विवाहित जोड़ों को वेलकम करने के अनूठे तरीकों, आर्मी एवं नागरिक प्रशासन के बीच संबंधों, आर्मी कैंटींन की सुविधा के लिए आम लोगों की अपेक्षाओं सहित सैन्य जीवन के विभिन्न पक्षों पर विस्तृत चर्चा की।
मुग्धा सिन्हा ने किया संबोधित
इस अवसर पर आईएएस एसोसिएशन की साहित्यिक सचिव मुग्धा सिन्हा ने कहा कि मेरे पिता भी एयरफोर्स में ऑफिसर रहे। इस नाते मेरा फौजियों के जीवन से गहरा जुड़ाव रहा है। ऐसी पुस्तकें और कार्यक्रम हमें देश के लिए सदैव समर्पित रहने वाले सैनिकों के जीवन को जानने का अवसर देतेे हैं। आईएएस एसोसिएशन भविष्य में भी इस तरह की साहित्यिक चर्चाएं आयोजित करता रहेगा जिससे समाज एवं युवा पीढ़ी को नई दिशा मिलती रहे।
सैन्य परिवारों से जुड़े लोग रहे मौजूद
पुस्तक पर चर्चा के दौरान सैनिक परिवारों से ताल्लुक रखने वाले श्रोताओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। इंटरेक्टिव सेशन में लेखिका से सवाल-जवाब भी हुए। सैन्य परिवार से ही संबंध रखने वाली मॉडरेटर आंचल सिंह ने पुस्तक की विषयवस्तु पर लेखिका से रोचक संवाद किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो