नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने संबंधित सभी विधायकों व अफसरों को इस बारे में जानकारी दे दी है। राजधानी में विकास कार्यों को लेकर आ रही परेशानी को लेकर मंत्री ने विधानसभा में बैठक बुलाई। इसमें मंत्री अरुण चतुर्वेदी, विधायक मोहनलाल गुप्ता, सुरेन्द्र पारीक, महापौर अशोक लाहोटी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सहित यूडीएच, स्वायत्त शासन विभाग, जेडीए और नगर निगम के आला अधिकारियों की मौजूदगी में कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए।
चुनावी इफेक्ट : नाराज विधायकों को मनाने का प्रयास, बुलाना होगा बैठकों में
जयपुर समेत प्रदेशभर में स्थानीय एम्पावर्ड कमेटियों की बैठकों में नहीं बुलाना जन प्रतिनिधियों को नागवार गुजरा। विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई। खासकर नगर निगम की एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में ज्यादातर विधायक शामिल होना चाहते थे। इस पर यूडीएच मंत्री ने भी तत्काल कहा कि अब विधायक के प्रतिनिधित्व के बिना कमेटी की बैठक नहीं होगी। निकायों को भी इसकी पालना के निर्देश दिए जाएंगे।
जयपुर समेत प्रदेशभर में स्थानीय एम्पावर्ड कमेटियों की बैठकों में नहीं बुलाना जन प्रतिनिधियों को नागवार गुजरा। विधायकों ने इस पर आपत्ति जताई। खासकर नगर निगम की एम्पावर्ड कमेटी की बैठक में ज्यादातर विधायक शामिल होना चाहते थे। इस पर यूडीएच मंत्री ने भी तत्काल कहा कि अब विधायक के प्रतिनिधित्व के बिना कमेटी की बैठक नहीं होगी। निकायों को भी इसकी पालना के निर्देश दिए जाएंगे।
नगर निगम को झटका : खुद सुधारनी होंगी अपनी सड़कें
शहर में 60 फीट से चौड़ी सड़कों का रखरखाव नहीं करने और इसकी जिम्मेदारी जेडीए पर टालने की कोशिश करने वाले नगर निगम को झटका लगा है। अपने परिधि क्षेत्र में ऐसी सभी सड़कों का सुदृढ़ीकरण निगम को ही करना होगा। खासकर झोटवाड़ा रोड का काम शामिल है। वहां सड़क सुधार को लेकर जेडीए व नगर निगम के लम्बी खींचतान चल रही थी। बदहाल सड़क के कारण कुछ माह पहले वहां हुए हादसे में एक महिला की मौत हो गई थी। इसके बावजूद अब तक तय नहीं हो पाया था कि मरम्मत कौन कराएगा।
शहर में 60 फीट से चौड़ी सड़कों का रखरखाव नहीं करने और इसकी जिम्मेदारी जेडीए पर टालने की कोशिश करने वाले नगर निगम को झटका लगा है। अपने परिधि क्षेत्र में ऐसी सभी सड़कों का सुदृढ़ीकरण निगम को ही करना होगा। खासकर झोटवाड़ा रोड का काम शामिल है। वहां सड़क सुधार को लेकर जेडीए व नगर निगम के लम्बी खींचतान चल रही थी। बदहाल सड़क के कारण कुछ माह पहले वहां हुए हादसे में एक महिला की मौत हो गई थी। इसके बावजूद अब तक तय नहीं हो पाया था कि मरम्मत कौन कराएगा।
जेडीसी जा चुके थे, महापौर ने नीलामी मामला उठाया
बैठक में पोलोविक्ट्री के पास जमीन की नीलामी का मामला भी उठा। महापौर ने जेडीए पर मनमानी का आरोप लगाया और कहा कि जेडीए केवल जिम्मेदारी सौंपता है, खाली प्लाट बेचकर खुद कमाई कर लेता है। जमीन निगम को हस्तांतरित होनी चाहिए। हालांकि तब तक जेडीसी वैभव गालरिया वहां से जा चुके थे इसलिए कोई निर्णय नहीं हो पाया। मंत्री ने नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुकेश शर्मा को इस मामले में जल्दी बैठक बुलाने के लिए कहा है। गौरतलब है जेडीए ने गुरुवार को वहां २ भूखंडों की नीलामी की थी, जिस पर कोर्ट स्टे आ गया लेकिन इसमें महापौर को झटका लगा। सरकार ने नीलामी रोकने की महापौर की बात नहीं सुनी।
बैठक में पोलोविक्ट्री के पास जमीन की नीलामी का मामला भी उठा। महापौर ने जेडीए पर मनमानी का आरोप लगाया और कहा कि जेडीए केवल जिम्मेदारी सौंपता है, खाली प्लाट बेचकर खुद कमाई कर लेता है। जमीन निगम को हस्तांतरित होनी चाहिए। हालांकि तब तक जेडीसी वैभव गालरिया वहां से जा चुके थे इसलिए कोई निर्णय नहीं हो पाया। मंत्री ने नगरीय विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुकेश शर्मा को इस मामले में जल्दी बैठक बुलाने के लिए कहा है। गौरतलब है जेडीए ने गुरुवार को वहां २ भूखंडों की नीलामी की थी, जिस पर कोर्ट स्टे आ गया लेकिन इसमें महापौर को झटका लगा। सरकार ने नीलामी रोकने की महापौर की बात नहीं सुनी।
प्रदेश में 3 माह में पूरी होगी 21 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती प्रक्रिया
मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत प्रदेश में 21 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती 3 महीने में पूरी होगी। एलएसजी अधिकारियों ने बताया कि भर्ती को लेकर कई अदालती निर्णय हैं। हाईकोर्ट ने अलग-अलग मामलों में आदेश दे रखे हैं। इनकी पालना सुनिश्चित करना जरूरी होगा। इसी के आधार पर विस्तृत प्रस्ताव तैयार होगा। स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मनजीत सिंह ने न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता रखने की बात कही। हालांकि इस पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद भर्ती में संभवत: लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिस पर सहमति बनी है। इसके लिए 13 मार्च को सफाई आयोग से भी बातचीत की जाएगी।
मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत प्रदेश में 21 हजार सफाईकर्मियों की भर्ती 3 महीने में पूरी होगी। एलएसजी अधिकारियों ने बताया कि भर्ती को लेकर कई अदालती निर्णय हैं। हाईकोर्ट ने अलग-अलग मामलों में आदेश दे रखे हैं। इनकी पालना सुनिश्चित करना जरूरी होगा। इसी के आधार पर विस्तृत प्रस्ताव तैयार होगा। स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मनजीत सिंह ने न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता रखने की बात कही। हालांकि इस पर सहमति नहीं बन पाई। इसके बाद भर्ती में संभवत: लॉटरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी, जिस पर सहमति बनी है। इसके लिए 13 मार्च को सफाई आयोग से भी बातचीत की जाएगी।