नगरीय विकास मंत्री के संसदीय क्षेत्र रहे चित्तौडग़ढ़ में भाजपा को कार्यालय के लिए जमीन देने के लिए सरकार ने भू-उपयोग आवासीय से बदलकर संस्थानिक कर दिया। अब झालावाड़ में भी ऐसा ही किया जा रहा है।
हाईकोर्ट का डर, इसलिए निकाली गली हाईकोर्ट ने कहा था कि भू-उपयोग परिवर्तन तब ही किया जा सकता है, जब व्यापक जनहित में जरूरी हो। इसलिए सरकार ने भाजपा को ‘व्यापक जनहित’ से जोड़ा है। सरकार ने पार्टी की गतिविधियों को जन कल्याणकारी और व्यापक जनहित में बताया है। स्वायत्त शासन विभाग ने इसकी अनुमति दे दी है। अब 4 अन्य शहर में भी पार्टी कार्यालय के लिए जमीन आवंटित की जा रही है।
सरकार ने यूं निकाला तोड़ – नियम-नीतियों में व्यापाक जनहित परिभाषित नहीं – भाजपा को जमीन देने पर जनता व जन प्रतिनिधियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान व जन कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में जनता की भागीदारी हो सकेगी।
– व्यापक जन कल्याण को संकुचित दृष्टि से नहीं देखा जा सकता – किस काम की व्यापकता वृहद जन कल्याण के लिए कितनी है, यह प्रत्येक प्रकरण के गुण-दोष पर निर्भर है। इसे परिभाषित करना उपयुक्त नहीं होगा।
– राजस्थान नगर पालिका अधिनियम 2009 व इसके अंतर्गत निहित नियमों व नीतियों में व्यापक जनहित को परिभाषित नहीं किया गया है। इस कारण जनहित के दृष्टिगत प्रत्येक प्रकरण में गुण-दोष के आधार पर प्रशासनिक निर्णय किया जाना उपयुक्त होगा।
(विधि सलाहकार की इस राय पर सभी अफसर हस्ताक्षर करते गए) फिर शुरू हुआ जमीन आवंटन भाजपा ने ज्यादातर शहरों में पार्टी कार्यालय के लिए जमीन आवंटन कराने का काम शुरू कर दिया है। स्वायत्त शासन विभाग ने 6 शहरों में तो जमीन आवंटन की अनुमति दे दी है। अन्य किसी राजनीतिक दल ने अभी तक पार्टी कार्यालय के लिए भूमि का आवेदन नहीं दिया है।
इन शहरों में दी जमीन चित्तौडग़ढ़, नागौर, जैसलमेर, राजसमंद, हनुमानगढ़, झालावाड़ यह है नियम – राजस्थान भू-आवंटन पॉलिसी 2015 के तहत राजनीतिक दलों को जमीन आवंटन का प्रावधान है – भाजपा को आरक्षित दर के अलावा 15 प्रतिशत दर पर जमीन आवंटन किया जा रहा है
”जो भी गतिविधि सार्वजनिक व देश हित में है, उसमें भू-उपयोग परिवर्तन किया जा सकता है। कोर्ट ने भी यही कहा है। राजनीतिक पार्टी व्यक्तिगत नहीं जनहित में काम कर रही है। इसलिए भू-उपयोग परिवर्तन किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना किसी भी स्तर पर नहीं की जा रही है।” – श्रीचंद कृपलानी, स्वायत्त शासन मंत्री