दरअसल, वसुंधरा राजे पिछले कुछ दिनों से धौलपुर आवास पर सावन माह के पूजन में व्यस्त रहीं। इस दौरान प्रदेश में सियासी उठापटक के बीच उनकी कोई प्रतिक्रियाएं नहीं आईं। सियासी गलियारों में राजे की चुप्पी के कई मायने निकाले जा रहे थे। हालांकि धौलपुर प्रवास के दौरान उनका पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं से फोन और वीडियो कांफ्रेंस के ज़रिये लगातार संपर्क में होना बताया गया।
अब जब सावन माह की पूजा-अर्चना संपन्न हो गई है तो उन्होंने बिना देरी किये सीधा दिल्ली का रुख कर लिया है। बताया जा रहा है कि वे दिल्ली में चार से पांच दिन तक रुक सकती हैं। इसके बाद उनका जयपुर लौटकर विधानसभा सत्र में शामिल होने का कार्यक्रम बताया गया है।
इन वजहों से वसुंधरा राजे की नाराजगी
सूत्रों के मुताबिक़ वसुंधरा राजे पिछले कुछ दिनों से चले आ रहे सियासी घटनाक्रमों और प्रदेश संगठन की कार्यशैली को लेकर खासा नाराज़ हैं। राजे की नाराजगी का एक कारण प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया की ओर से हाल ही में जारी प्रदेश कार्यकारिणी को माना जा रहा है। बताया गया है कि घोषित हुई नई प्रदेश कार्यकारिणी में उनके नजदीकियों को दूर रखा गया है।
वहीं एक वजह भाजपा से गठबंधन करने वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल के उनको लेकर दिए गए विवादित बयानों को लेकर भी है। बेनीवाल ने पिछले दिनों एक बयान में राजे पर कांग्रेस की गहलोत सरकार को बचाने में मदद करने का सनसनीखेज़ आरोप लगाया था।
वहीं कांग्रेस से बगावत करने वाले पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी एक बयान में वसुंधरा राजे के अशोक गहलोत सरकार को मदद करने का आरोप लगाया था। तब भी वसुंधरा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, जो चर्चा का विषय बनी रही। हालाँकि बाद में उनके खेमे के दो वरिष्ठ नेताओं ने बयान जारी कर पायलट को सलाह दी गई है कि वे अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से पार्टी में पैदा हुए अंतरकलह में फंसकर हताशा में बेसिर पैर की बातें करने के बजाय एक जिम्मेदार राजनेता की तरह आचरण करें।
सूत्रों के अनुसार राजे प्रदेश में चुनी हुई सरकार गिराने को लेकर केंद्रीय भाजपा स्तर से ‘ऑपरेशन लोटस’ को अंजाम दिए जाने से भी खासी नाराज़ हैं। बताया जा रहा है कि इस सम्बन्ध में उन्हें केंद्रीय टीम ने पूरी तरह से अनजान रखा। हॉर्स ट्रेडिंग में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम भी सामने आया है जिनसे राजे की राजनीतिक अदावत किसी से छिपी नहीं है।
संगठन में कम दिख रही सक्रियता
वसुंधरा राजे आखिरी बार जयपुर में सार्वजनिक तौर पर भाजपा की जनसंवाद वर्चुअल रैलियों के तहत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की रैली में दिखाई दी थीं। इसके बाद से वे सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आई हैं और लंबे समय से अपने गृह नगर धौलपुर में थीं।