कटारिया ने पत्र को लेकर कहा कि मुझे कोई पत्र नहीं मिला है। मीडिया के माध्यम से ही यह बात पता चली है। विधानसभा में हमने जनता की मांगों को रखा है। उसे सभी ने देखा है। मैं बात करूंगा कि ऐसा कौनसा मामला है, जो उन्होंने हमें दिया हो और हमने उसे लगाने का प्रयास नहीं किया। पहली बार 42 लोग राज्यपाल के अभिभाषण पर बोले हैं। जहां तक स्थगन प्रस्ताव का सवाल है तो स्थगन के लायक मामलों को खुद स्पीकर ओके करते हैं। कटारिया ने कहा कि अगर चिट्ठी लिखने वाले विधायकों को कोई तकलीफ थी तो मुझसे बात करते। इस संबंध में मैं प्रदेशाध्यक्ष से भी बात करूंगा। इसके अलावा विधायक दल की बैठक बजट के पहले रखी हैं, वहां भी विधायकों से व्यक्तिगत बात करूंगा।
भाजपा में कोई नेतृत्व को ललकार नहीं सकता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि यह भाजपा की संस्कृति के प्रतिकूल हुआ है, यह नहीं होना चाहिए था। यहां कांग्रेस की संस्कृति नहीं है। यहां नेतृत्व को ना कभी ललकारा नहीं गया है और ना ही चुनौती नहीं दी जा सकती है। हम आज भी संगठन और नेतृत्व के साथ हैं और रहेंगे भी। राठौड़ ने यह भी कहा कि भाजपा में कोई गुट नही है। यहां कमल के फूल का गुट हैं और हमारे यहां एक ही नेता हैं नरेंद्र मोदी। राठौड़ ने इस तरह की चिट्ठी खुद के पास या प्रदेशाध्यक्ष के पास होने से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि विधायकों को कोई तकलीफ थी तो प्रतिपक्ष क नेता को कह सकते हैं। हर मंगलवार को विधायक दल की बैठक रखते है। सभी अपनी बात करते हैं और आगे की कार्रवाई की रणनीति बनाते हैं। इस बार भी विधायक दल की बैठक हुई। इस तरह की कोई बात चर्चा में नहीं आई।
जिनके नाम शामिल उनमें से ज्यादातर ने सदन में रखी बात राठौड़ ने कहा कि आश्यर्चचकित हूं कि जिन विधायकों के नाम सामने आए हैं। उनमें से 80 फीसदी विधायकों ने छोटे सत्र में किसी न किसी रूप में अपनी बात सदन में कही है। कोर कमेटी की मंगलवार को होने वाली बैठक् में चर्चा करेंगे कि पत्र क्यों और कैसे लिखा गया है। हो सकता है कि किसी भी कारण से किसी विधायक के मन में टीस हो, इस बारे में बात करेंगे।