टोंक रोड पर अखिल भारतीय प्राच्य ज्योतिष शोध संस्थान की ओर से एक होटल में हुए वायु परीक्षण किया गया। यहां हवा पश्चिम से पूर्व की ओर बही, जिसे ज्योतिषियों ने सुवृष्टि के योग बताए। ज्योतिषाचार्य पं. चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि मैदिनी ज्योतिष के अनुसार आषाढ़ी पूर्णिमा को प्रवाहित होने वाली वायु भविष्य में होने वाली वर्षा का संकेत करती है। सूर्यास्त के समय हवा पश्चिम से पूर्व की ओर चली। इससे प्रदेश में इस बार श्रावण मास के दौरान सुवृष्टि होने के आसार हैं। पैदावार समयानुकूल होगी। कार्यक्रम के संयोजक डॉ. अनिल स्वामी ने बताया कि वायुपरीक्षण में देशभर से 100 से अधिक ज्योतिष ऑनलाइन शामिल हुए। उन्होंने बताया कि भारत के पश्चिमी राज्यों में वर्षा की अनियमितता रहेगी और वायु प्रदूषण के कारण जनता उमस से परेशान रहेगी। मेघेश जलतत्व की राशि में होने से कहीं अतिवृष्टि, बाढ़, ओलावृष्टि या अल्पवृष्टि से फसलों में क्षति होने की संभावना होगी। राजस्थान, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ भागों में खंडवृष्टि के साथ सुवृष्टि के योग रहेंगे। अगस्त में मंगल के अस्त व बुध के उदय होने से भारत के सभी राज्यों में मानसून सक्रिय होगा।