गहलोत ने मंगलवार को राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास पर ‘लोक कल्याणकारी राज्य एवं सुशासन हेतु वैदिक विमर्श‘ विषय पर वर्चुअल रूप से आयोजित राष्ट्रीय वेद सम्मेलन को संबोधित कियां मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वैदिक हैरिटेज एवं पाण्डुलिपि शोध संस्थान, राजस्थान संस्कृत अकादमी के पोर्टल तथा ‘पानी बचाओ, बेटी बचाओ, सबको पढ़ाओ, पर्यावरण बचाओ’ के संदेष पर आधारित पोस्टर का लोकार्पण किया।
वेद बेशकीमती खजाना
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदियों पहले हमारे महान विद्वानों ने वेदों के रूप में जो बेशकीमती खजाना हमें सौंपा है, उसमें पर्यावरण संरक्षण, राजा के कर्तव्य, शासन के सिद्धांत, आदर्श प्रजा, प्रजातांत्रिक मूल्य सहित सभी विषय समाहित हैं। जितनी गहराई में हम वेदों का अध्ययन करते हैं, उतना ही सुशासन देने का हमारा संकल्प और अधिक मजबूत होता है।
स्वामी विवेकानंद का संदेश प्रासंगिक
गहलोत ने इस मौके पर कहा कि स्वामी विवेकानंद ने दुनिया में भारतीय वैदिक संस्कृति के महत्व को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मानवता और विश्व शांति के लिए दिया गया उनका संदेश आज भी उतना ही प्रासंगिक है। वैदिक संस्कृति में बताए गए शांति, सदभाव, समरसता तथा विश्व-बंधुत्व जैसे मूल्यों को अपनाकर युवा पीढ़ी सामाजिक, आर्थिक और वैचारिक रूप से सशक्त बन सकती है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस घोषित किया गया।
सरकार शोध को देगी प्रोत्साहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि वैदिक साहित्य के क्षेत्र में शोध करने वाले विद्यार्थियों को राज्य सरकार प्रोत्साहन देगी। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि वैदिक वांड्मय में कहा गया है कि सर्वहित में ही स्वहित निहित है। यही भावना शासन का मूल मंत्र होना चाहिए। मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने कहा कि सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों के पतन को रोकने के लिए वैदिक विमर्श उपयोगी हो सकता है।
वीसी से ये सब भी जुड़े
गुरूकुल कांगड़ी विवि हरिद्वार के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि सुशासन और स्वराज्य की अवधारणा का केन्द्र बिन्दु वैदिक साहित्य में मिलता है। एमडीएस विवि रोहतक के पूर्व प्रोफेसर बलवीर आचार्य, मोहनलाल सुखाडि़या विवि के संस्कृत विभागाध्यक्ष नीरज शर्मा, कला, साहित्य एवं संस्कृति विभाग की सचिव मुग्धा सिन्हा,
राजस्थान संस्कृत अकादमी के प्रशासक डॉ. समित शर्मा, श्री कालाजी वैदिक विष्वविद्यालय की कुलपति डॉ. लक्ष्मी शर्मा, राजस्थान संस्कृत अकादमी के निदेशक संजय झाला गोविन्द गुरू जनजातीय विवि के कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी भी वीसी के माध्यम से जुड़े।