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inauguration digital platform: वैदिक ज्ञान आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता: राज्यपाल

locationजयपुरPublished: Oct 26, 2020 07:41:22 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

राज्यपाल ने वेद विद्यापीठ के डिजिटल प्लेटफॉर्म का किया लोकार्पणवैदिक ज्ञान से वृक्षपूजा, प्रकृति और पर्यावरण प्रेम की अतीत की हमारी धरोहर संरक्षण पर दिया जोरजनजातीय धरोहर का वैदिक ज्ञान से हो वैज्ञानिक रूप में संरक्षण

वैदिक ज्ञान आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता: राज्यपाल

वैदिक ज्ञान आज के समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता: राज्यपाल

राज्यपाल एवं कुलाधिपति (Governer and Chancellor ) कलराज मिश्र (Kalraj MIshra) ने कहा है जनजातीय धरोहर को वैज्ञानिक रूप में संरक्षित करने के लिए वैदिक ज्ञान आज की महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उन्होंने वेद विद्यापीठ के जरिए प्राचीन भारतीय ज्ञान को वैज्ञानिक रूप में सहेजे जाने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि वेद ईश्वर प्रदत्त ऎसा लिखित संविधान है जिसमें जीवन जीने का सर्वोत्तम ढंग बताया गया है। उन्होंने वेद विद्यापीठ के जरिए भारतीय संस्कृति (Indian Culture) की इस अनुपम धरोहर को जन.जन तक पहुंचाने का आह्वान किया है। मिश्र सोमवार को राजभवन से बांसवाड़ा स्थित गोविन्द गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय
(Govind Guru Tribal University) में वेद विद्यापीठ के डिजिटल प्लेटफॉर्म ( digital platform) के लोकार्पण (inauguration) बाद संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पूरे भारत (India) में अकेले बांसवाड़ा (Banswara) में ही ऋग्वेद की शांखयान शाखा की ऋचाओं के सस्वर गान करने वाले ज्ञाता है, वेद विद्यापीठ की स्थापना से उनके संरक्षण और सामवेद मंत्रों की गायन परम्परा को सहेजे जाने का भी महत्वपूर्ण कार्य हो सकेगा।
भारतीय संस्कृति वेद संस्कृति
राज्यपाल ने भारतीय संस्कृति को वेद संस्कृति बताते हुए कहा कि जीवन से मृत्युपर्यन्त तक के सभी सोलह संस्कार वेदों में बताए गए हैं। उन्होंने वेदों में वर्णित संस्कार विधि के अनुसार कार्य करने पर जोर देते हुए कहा कि इससे व्यक्ति का सर्वांगीण विकास हो सकता है। वेद विद्यापीठ को नई पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयता की उदात्त भावना का विकास इनके जरिए किया जा सकता है। आदि शंकाराचार्य द्वारा वेदों के भाष्य लिखे जाने और वेदों के जरिए भारतीय संस्कृति का वैश्विक स्तर पर प्रसार किए जाने की चर्चा करते हुए उन्होंने शंकर के अद्वैत दर्शन और अनेकता में एकता की भारतीय संस्कृति को आज भी प्रासंगिक बताया।
इस अवसर पर राज्यपाल एवं कुलाधिपति मिश्र ने वेद विद्यापीठ की विद्वत चर्चा श्रृंखला सारस्वत के शुभारम्भ की भी घोषणा की। इससे पहले ऑनलाइन लोकार्पण समारोह में वेद विज्ञों द्वारा वेद मंत्रों का स.स्वर मंगलाचरण किया गया। ऑनलाइन समारोह में राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार ने वेद विद्यापीठ को वर्तमान समय की महत्वपूर्ण आवश्यकता बताया। राज्यपाल के प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्द राम जायसवाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति के प्रसार में यह महत्ती कदम है।
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