उधर प्रशासन के निर्देश पर आरटीओ ने संदिग्ध पास मिलने पर बसों के परमिट जारी करना बंद कर दिया है। बुधवार को बस ऑपरेटर की ओर से फर्जी पास के साथ शिकायत की गई थी। आरोप लगाया कि पैसे लेकर बसों के पास जारी किए गए हैं। ऐसे में पास की जांच हुई तो वह फर्जी निकला।
बस पास के नियम
बस पास के लिए बस में जाने वाले सभी यात्रियों के नाम की सूची के साथ आधार नंबर देकर कागजात कलेक्ट्रेट कार्यालय में जमा कराने के बाद अनुमति मिलती है। इसके बाद संबंधित राज्य से एनओजी लेकर कलेक्ट्रेट से बस का पास जारी किया जाता है।
— हमने संदिग्ध पास पर परमिट देना बंद कर दिया है। जिला प्रशासन के बाद उड़न दस्तों को जांच के लिए लगा दिया गया है।
राजेंद्र वर्मा, आरटीओ — आरटीओ को जांच के लिए निर्देश दिए हैं। शिकायत आई थी कि पास में काट—छांट की गई है। जांच की जा रही है।
शंकर लाल सैनी, एडीएम जयपुर