चिकित्सकों ने बताया कि साधारणतया वेंटीलेटर के साथ दो टीपीकनेक्ट्स जोड़ते हैं। इसमें एक को इंस्पिरेट्री पार्ट के साथ तथा दूसरे को एक्सपर्टली पार्ट के साथ जोड़कर एक साथ चार वेंटिलेटर सर्किट कनेक्ट किए गए हैं। वेंटिलेटर की कमी के चलते इसे एक जैसे मरीजों में काम में लिया जा सकता है।
इसके अलावा चिकित्सकों ने मास्क और सैनिटाइजर भी बनाए हैं। जेएनयू हॉस्पिटल के संचालक डॉ संदीप बख्शी ने बताया कि इस तरह का सिस्टम आपदा के समय ही एक जैसे मरीजों पर काम में लेने के लिए इजाद किया गया है। अलग-अलग बीमारियों से ग्रसित मरीजों पर काम में लेने से क्रॉस इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
फोटो प्रतीकात्मक