संघ के प्रमुख महामंत्री अर्जुन शर्मा ने बताया कि पशु चिकित्सा कर्मचारी भी अपने जीवन को जोखिम में डाल कर पशुओं की सेवा कर रहे हैं। पशु चिकित्सा सेवाओं को आपातकालीन सेवाओं में रखा गया है। पशु चिकित्सा कर्मियों को भी चिकित्सा और पुलिस कर्मचारियों के अनुरूप ही वेतन कटौती से मुक्त रखा जाए। गौरतलब है कि राज्य में बरकरार कोरोना संकट को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में सितंबर से कार्मिकों की वेतन कटौती को लेकर निर्णय लिया गया है।