कटारिया ने बताया कि वीयूटीआरसी नाम बोलचाल में थोड़ा कठिन होने से आम किसानों एवं पशुपालकों की जुबान पर सिरे नहीं चढ़ पाया है, इसलिए इसका संक्षिप्त व सरल नामकरण करने की आवश्यकता महसूस हो रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए इनका नामकरण कृषि विज्ञान केन्द्र की तर्ज पर पशु विज्ञान केन्द्र किया गया है। यह अत्यंत व्यावहारिक और आमजन में बोलचाल की भाषा में सरल एवं प्रभावी रहेगा। यह नामकरण उन्नत और वैज्ञानिक पशुपालन की स्वप्रेरणा देने वाला हैए जो कि केन्द्र के व्यापक उद्देश्यों का अहसास करवाता है। साथ ही लोगों के बीच केन्द्र की लोकप्रियता बढ़ाने में भी सहायक होगा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने इन केंद्रों के सुचारू संचालन एवं विकास के लिए इस वर्ष राज्य मद से 3 करोड़ 31 लाख रुपए की बजट राशि का प्रावधान किया है। कटारिया ने उम्मीद जताई कि राज्य सरकार की ओर से इसकी स्वीकृति मिलने से केन्द्र के उद्देश्य भी स्वत: परिलक्षित होंगे। प्रदेश में पशु कल्याण के लिए राज्य सरकार व विश्वविद्यालय का यह आयाम और अधिक प्रभावी हो सकेगा। साथ ही राज्य सरकार के पशु कल्याण के उद्देश्य की भी पूर्ति करेगा।