विहिप के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने बुधवार को जयपुर स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि जोधपुर में शरणार्थियों को साधन-सुविधाएं नहीं मिलने से वे लंबे समय से मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। इसी तरह प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में हिन्दू भारत आकर बसते हैं लेकिन इनको नागरिकता नहीं मिल पा रही है। इस अधिनियम के पारित होने से अब ऐसे विस्थापित हिन्दू परिवारों को नागरिकता मिल सकेगी जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार हो सकेगा। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी आभार जताया।
इसी तरह विहिप के मार्गदर्शक मंडल के सदस्य संत राघवाचार्य महाराज ने कहा कि केन्द्र सरकार के इस अधिनियम से ऐसे पीड़ित एवं शोषित लोगों को नागरिकता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा जो कि वास्तव में इसके हकदार हैं और जिनको बरसों से इसका बेसब्री से इंतजार था। उन्होंने कहा कि विश्व के अलग-अलग देशों में अल्पसंख्यक हिन्दू, सिख और जैनियों के साथ अमानवीय व्यवाहर हो रहा है, नागरिकता संसोधन बिल से इनको राहत मिलेगी।
विश्व हिन्दू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि 1947 में विभाजन के बाद पाकिस्तान में लगभग 6.5 प्रतिशत से अधिक हिन्दू थे, जो आज घटकर लगभग 1.6 प्रतिशत ही रह गए हैं। इसी तरह बांग्लादेश (उस समय का पूर्वी पाकिस्तान) में लगभग 22.50 प्रतिशत हिन्दू थे जो कि आज 12.00 प्रतिशत ही शेष रह गए हैं। इससं साफ जाहिर हो रहा है कि वहां बसे हिन्दुओं का धार्मिक उत्पीडऩ हो रहा हैं, उनका धर्मपरिवर्तन कराया जा रहा है। यह अधिनियम विभाजन के समय हुई ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने का सशक्त माध्यम साबित होगा। लेकिन कुछ हिन्दूत्व विरोधी तत्वों को यह अधिनियम रास नहीं आ रहा है। इस दौरान विहिप के राजस्थान के संरक्षक दामोदर दास मोदी, प्रांत सहमंत्री रामगोपाल शर्मा, प्रांत संगठन मंत्री राजाराम एवं धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय मंत्री सत्यनारायण शर्मा भी मौजूद थे।