scriptकुलपति डॉ. अनुला मौर्य का नाथद्वारा में हुआ सम्मान | Vice Chancellor Dr. Anula Maurya was honored at Nathdwara | Patrika News

कुलपति डॉ. अनुला मौर्य का नाथद्वारा में हुआ सम्मान

locationजयपुरPublished: Mar 06, 2021 08:09:38 pm

Submitted by:

Rakhi Hajela

कुलपति डॉ. अनुला मौर्य का नाथद्वारा में हुआ सम्मान

कुलपति डॉ. अनुला मौर्य का नाथद्वारा में हुआ सम्मान

कुलपति डॉ. अनुला मौर्य का नाथद्वारा में हुआ सम्मान


जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्‍वविद्यालय की कुलपति डॉ. अनुला मौर्य का नाथद्वारा में विशेष सम्मान हुआ। कुलपति के निजी सचिव सर्वेश शर्मा ने बताया कि नाथद्वारा साहित्य मंडल की ओर से प्रतिवर्ष दिए जाने वाला सम्मान इस बार डॉ. मौर्य को दिया गया। मंडल ने संस्कृत, साहित्य एवं ज्ञान—विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए डॉ. मौर्य को यह सम्मान दिया है।
कुलपति डॉ. अनुला मौर्य ने अजमेर के राजकीय आचार्य संस्कृत महाविद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाएं भी देखीं।
फ्रांसीसी दूतावास, नई दिल्ली और फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से उपहार में दी गई 100 से अधिक पुस्तकें

जेकेके की लाइब्रेरी में शुरू किया गया फ्रेंच बुक कॉर्नर

जवाहर कला केंद्र की ओर से फ्रांसीसी दूतावास, नई दिल्ली और फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सहयोग से जेकेके की लाइब्रेरी में शनिवार को अपनी तरह के प्रथम फ्रेंच बुक कॉर्नर का अनावरण किया गया। इसमें फ्रांसीसी दूतावास,नई दिल्ली और फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा आईएएस एसोसिएशन राजस्थान के साथ कॉलेबोरेशन के लिए जवाहर कला केंद्र में अपनी पूर्व यात्रा के दौरान भेंट की गई 100 से अधिक पुस्तकें शामिल की गई हैं।
इस अवसर पर जेकेके की महानिदेशक, मुग्धा सिन्हा ने कहा हम फ्रांसीसी दूतावास, नई दिल्ली और फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की इस उदारता की सराहना करते हैं। इन्होंने फ्रांसीसी लेखकों द्वारा लिखित और विभिन्न भारतीय भाषाओं में अनुवादित 100 से अधिक पुस्तकें जवाहर कला केंद्र की लाइब्रेरी को उपहार में दी हैं। उन्होंने फ्रेंच इंस्टीट्यूट के निदेशक, इमैनुएल का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि हम अपने सभी सदस्यों को जेकेके लाइब्रेरी में शुरू किए गए फ्रेंच बुक कॉर्नर का आनंद लेने के लिए आमंत्रित करते हैं। इस संग्रह में फ्रेंच लेखकों की फिक्शन एवं नॉन.फिक्शन दोनों प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध हैं। उन्होंने नए बुक क्लब के स्थान का पुस्तकों से संबंधित आयोजनों के लिए उपयोग करने के लिए बुक क्लबों, पुस्तक प्रेमियों और फैडरेशंस को भी आमंत्रित किया जाता है। वहीं इमैनुएल ने कहा कि श्फ्रेंच इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने और फ्रेंच उपन्यासों व निबंधों के प्रकाशन के प्रति समर्पित संस्थान है। ट्रांसलेटर अपने साहित्य के माध्यम से दो देशों को एक.दूसरे को बेहतर ढंग से समझने में मददगार होते हैं। हम यह भी मानते हैं कि साहित्य की प्रत्येक देश में व्यापक पहुंच होनी चाहिए।
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