भारतीय यूनिवर्सिटी की वर्तमान वैश्विक रैंकिंग में बड़े सुधार के लिए और उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए राजधानी में आज से दो दिन की वेस्ट जोन वाइस चांसलर्स मीट शुरू हुई। 4 राज्यों के करीब 100 यूनिवर्सिटी के कुलपति इसमें उच्च शिक्षा पर मंथन कर रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज एआईयू की ओर से आईआईएस सभागार में वेस्ट जोन वाइस चांसलर्स मीट कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल कलराज मिश्र ने की।
एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि इंडियन यूनिवर्सिटीज को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए बड़े सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्टूडेंट्स द्वारा एडमिशन के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज चुने जाने तथा अधिक से अधिक ग्रेजुएट्स के ग्लोबल वर्कफोर्स में शामिल होने से उच्च शिक्षा का इंटरनलाइजेशन वर्तमान समय की वास्तविकता और आवश्यकता बन गया है। इस पश्चिमी आंचलिक कुलपतियों की बैठक में भारतीय उच्च शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के लिए समाधान निकालने एवं अधिकाधिक अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों और शिक्षकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उच्च शिक्षा का अंतराष्ट्रीयकरण एवं वैश्विक रैंकिंग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
आईआईएस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अशोक गुप्ता ने बताया कि सफल करियर बनाने के लिए विद्यार्थियों को संस्कृतियों और देशों की सीमाओं के बीच संपर्क करने की जरूरत है। साथ ही देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में कई संशोधन करने की आवश्यकता है।
पंकज मित्तल ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया की टॉप-100 यूनिवर्सिटीज में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है। जबकि टॉप-200 में भारत की सिर्फ तीन यूनिवर्सिटी और टॉप-500 में नौ यूनिवर्सिटी शामिल है, जबकि टॉप-1000 में भारत की मात्र 23 यूनिवर्सिटीज हैं।