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हमारी प्रतिभाएं पलायन नहीं करें-राज्यपाल

locationजयपुरPublished: Dec 11, 2019 02:57:33 pm

Submitted by:

MOHIT SHARMA

उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए आज से कुलपति कर रहे मंथन, चार राज्यों के करीब 100 यूनिवर्सिटीज के कुलपतियों ने लिया भाग, इंडियन यूनिवर्सिटीज को वर्ल्ड क्लास बनाने पर हो रही चर्चा

vice Chancellors meet in jaipur

हमारी प्रतिभाएं पलायन नहीं करें-राज्यपाल

जयपुर। आज बेरोजगारी की समस्या है, शिक्षा को रोजगार परक बनाना जरूरी है। यह बात राज्यपाल कलराज मिश्र ने कही। वे आज एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज एआईयू की ओर से आईआईएस सभागार में वेस्ट जोन वाइस चांसलर्स मीट में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी यूनिवर्सिटीज को ऐसे प्रयास करने चाहिए जिससे देश की प्रतिभाओं का पलायन रुके। हमारी प्रतिभाएं पलायन नहीं करें इसकी महत्ती आवश्यकता है। उन्होंने उच्च शिक्षा में नवाचार करने की भी बात कही। साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय में प्रयोगशालाएं होनी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि हम नवाचार की बात तो करते हैं, लेकिन संसाधनों की कमी है। शिक्षा की दशा और दिशा पर चिंतन करना जरूरी है। कार्यक्रम में राज्यपाल ने सभी को संविधान की शपथ दिलाई।
राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में संविधान के मूल कर्तव्यों काज्ञान कराने की आवश्यकता है। जिससे विद्यार्थियों को एक सही दिशा मिल सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों में चरित्र निर्माण की अत्यंत आवश्यकता है। विद्यार्थियों को उनके कर्तव्यों की जानकारी होने चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि वे अपने अधिकारों की बात करते हैं तो संविधान के दायरे में रहकर करें। कुलपतियों की वित्तीय अनियमित्तओं और भर्तियों की जांच के मामले में उन्होंने कहा कि रिपोर्ट मिल गई है। उसका अध्ययन किया जाए। कोई भी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
भारतीय यूनिवर्सिटी की वर्तमान वैश्विक रैंकिंग में बड़े सुधार के लिए और उच्च शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए राजधानी में आज से दो दिन की वेस्ट जोन वाइस चांसलर्स मीट शुरू हुई। 4 राज्यों के करीब 100 यूनिवर्सिटी के कुलपति इसमें उच्च शिक्षा पर मंथन कर रहे हैं। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज एआईयू की ओर से आईआईएस सभागार में वेस्ट जोन वाइस चांसलर्स मीट कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल कलराज मिश्र ने की।
एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज की महासचिव डॉ. पंकज मित्तल ने कहा कि इंडियन यूनिवर्सिटीज को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए बड़े सुधार करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक स्टूडेंट्स द्वारा एडमिशन के लिए विदेशी यूनिवर्सिटीज चुने जाने तथा अधिक से अधिक ग्रेजुएट्स के ग्लोबल वर्कफोर्स में शामिल होने से उच्च शिक्षा का इंटरनलाइजेशन वर्तमान समय की वास्तविकता और आवश्यकता बन गया है। इस पश्चिमी आंचलिक कुलपतियों की बैठक में भारतीय उच्च शिक्षा को विश्वस्तरीय बनाने के लिए समाधान निकालने एवं अधिकाधिक अंतरराष्ट्रीय विद्यार्थियों और शिक्षकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उच्च शिक्षा का अंतराष्ट्रीयकरण एवं वैश्विक रैंकिंग से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
आईआईएस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. अशोक गुप्ता ने बताया कि सफल करियर बनाने के लिए विद्यार्थियों को संस्कृतियों और देशों की सीमाओं के बीच संपर्क करने की जरूरत है। साथ ही देश की उच्च शिक्षा व्यवस्था में कई संशोधन करने की आवश्यकता है।
पंकज मित्तल ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स का हवाला देते हुए कहा कि दुनिया की टॉप-100 यूनिवर्सिटीज में भारत की एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है। जबकि टॉप-200 में भारत की सिर्फ तीन यूनिवर्सिटी और टॉप-500 में नौ यूनिवर्सिटी शामिल है, जबकि टॉप-1000 में भारत की मात्र 23 यूनिवर्सिटीज हैं।
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