जयपुर. श्री गोपाल सागर आश्रम ट्रस्ट की ओर से मिथिला बिहारी महाराज के सान्निध्य आयोजित छह दिवसीय विधाणीपरिक्रमा महोत्सव का शोभायात्रा के साथ समापन हुआ। समारोह के आखिरी दिन शुक्रवार को गोनेर स्थित जगदीश मंदिर से रामधुनी के साथ शोभायात्रा निकाली गई। परिक्रमा में लोक वाद्यों एवं बैंड की स्वर लहरियों पर नृत्य करते हुए श्रद्धालु गोनेर से पैदल विधाणी आश्रम पहुंचे। शोभायात्रा के गोपाल सागर आश्रम पहुंचने पर राधाकृष्ण व सीतारामजी के स्वरूप सरकार की आरती के बाद महोत्सव का समापन हुआ। इससे पहले सुबह कई जगहों से रामधुनी मंडलियां आश्रम पहुंची। ठाकुरजी का अभिषेक कर नवीन पोशाक एवं मुकुट धारण करवाया गया। इसके बाद आश्रम में वेद मंत्रोच्चार के साथ ध्वज पूजन कर श्रद्धालु पैदल परिक्रमा के लिए रामधुनी करते हुए गोनेर के लिए रवाना हुए। महोत्सव के संयोजक लक्ष्मीनिधि महाराज ने बताया कि इस मौके पर संत भजनानंद महाराज, चेतनदास महाराज व मां साहिब भजनी देवी का पाटोत्सव भी मनाया गया।
सरजू बिहारी महाराज ने बताया कि बड़े महाराज भजनानंद के पास एक भक्त आता था, उसे कोई संतान नहीं थी। महाराज के आशीर्वाद से उसकी मनोकामना पूर्ण हो गई। मन्नत पूरी होने पर बड़े महाराज ने भक्त को जगदीश महाराज के मंदिर से झांझ मंजिरों के साथ रामधुनि करते हुए पैदल परिक्रमा लाने का आदेश दिया। उनके आदेश पर भक्त की ओर से 15-20 लोगों के साथ अश्विन शुक्ल द्वितीया के दिन जगदीश महाराज के मंदिर से विधाणी स्थित गोपाल सागर आश्रम तक परिक्रमा का आयोजन किया गया। उसके बाद निरंतर प्रतिवर्ष गोपाल सागर आश्रम से विधाणीपरिक्रमा महोत्सव के नाम से छह दिवसीय आयोजन किया जाने लगा। अब इसमें देश भर से हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं।
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