बताया जा रहा है कि इस मामले में दूसरा पक्ष के अभियंताओं ने मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से भी मुलाकात की है। इस बीच जयपुर डिस्कॉम भी प्रमोशन लिस्ट जारी करने के लिए दिनभर जद्जदोजहद कर रहा था, लेकिन देर शाम तक लिस्ट जारी नहीं की गई। इसके बाद पहले पक्ष के अभियंताओं ने उच्च स्तर पर विरोध दर्ज कराया।गौरतलब है कि जोधपुर हाईकोर्ट ने हाल ही फैसला दिया, जिसमें फीडर मैनेजर को पूर्व तिथि से सहायक अभियंता कैडर में समायोजित किया जा सकता है।
यह है विवाद
तीनों बिजली कंपनियों ने हाईकोर्ट में कहा था कि वर्ष 2016 में सीधी भर्ती के सभी रिक्त पद भर दिए गए हैं। जबकि, कंपनियों ने रिक्त पद ना होते हुए भी फीडर मैनेजर को वर्ष 2011 व 2012 में समायोजित कर सिनियरिटी सूची जारी कर दी। तीनों बिजली वितरण कंपनियों ने हाईकोर्ट में हलफानामा दिया था कि खाली पद प्रमोशन व सीधी भर्ती प्रक्रिया से भर्ती कर दी। जबकि कई फीडर मैनेजर को समायोजित करना है।
यह है विवाद
तीनों बिजली कंपनियों ने हाईकोर्ट में कहा था कि वर्ष 2016 में सीधी भर्ती के सभी रिक्त पद भर दिए गए हैं। जबकि, कंपनियों ने रिक्त पद ना होते हुए भी फीडर मैनेजर को वर्ष 2011 व 2012 में समायोजित कर सिनियरिटी सूची जारी कर दी। तीनों बिजली वितरण कंपनियों ने हाईकोर्ट में हलफानामा दिया था कि खाली पद प्रमोशन व सीधी भर्ती प्रक्रिया से भर्ती कर दी। जबकि कई फीडर मैनेजर को समायोजित करना है।
-सीनियरिटी सूची तो पहले ही जारी कर चुके हैं। प्रमोशन सूची जारी नहीं हुई है, इस पर काम चल रहा है। -जगजीत सिंह मोंगा, सचिव, जयपुर डिस्कॉम