scriptVijaya Ekadashi Puja Muhurat 2021 शत्रुओं को शांत करने के लिए इस मुहुर्त में करें विष्णुजी, श्रीराम की पूजा | Vijaya Ekadashi 2021 Puja Vidhi Vijaya Ekadashi Vrat Katha | Patrika News

Vijaya Ekadashi Puja Muhurat 2021 शत्रुओं को शांत करने के लिए इस मुहुर्त में करें विष्णुजी, श्रीराम की पूजा

locationजयपुरPublished: Mar 09, 2021 08:15:30 am

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deepak deewan

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जयपुर. फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष एकादशी को विजया एकादशी कहते हैं. इसका विशेष महत्व है. यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से विष्णुजी की पूजा की जाती है. पद्म पुराण में एकादशी को पुण्यदायी कहा गया है.मान्यता है कि एकादशी पर व्रत और पूजन से विष्णुजी प्रसन्न होते हैं. उनके आशीर्वाद से सभी दुख दूर होते हैं और सुख प्राप्त होने लगते हैं.
इस बार विजया एकादशी 9 मार्च, मंगलवार यानि आज मनाई जा रही है. पंचांगों के अनुसार एकादशी तिथि का प्रारंभ 8 मार्च, सोमवार को ही हो चुका है. 8 मार्च को दोपहर 3:44 बजे से एकादशी तिथि प्रारंभ हो चुकी है, जोकि 9 मार्च को दोपहर 03:02 बजे तक रहेगी. उदया तिथि 9 मार्च को होने से एकादशी आज मानी गई है. विजया एकादशी व्रत और पूजन 9 मार्च को ही होगा.
ज्योतिषाचार्य पंडित सोमेश परसाई बताते हैं कि आज सुबह स्नान कर सूर्यदेव को जल अर्पित करें. तत्पश्चात भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए व्रत और पूजा का संकल्प लें. फिर विष्णुजी और लक्ष्मीजी की धूप, दीप, आदि से विधिवत पूजा करें. कथा का पाठ व श्रवण करें. शत्रुओं पर वर्चस्व स्थापित करने के लिए आज श्रीराम की पूजा भी करें. द्वादशी पर ब्राह्ण या किसी जरूरतमंद को भोजन करवाकर व्रत का पारण कर दें.
विजया एकादशी व्रत कथा के अनुसार भगवान श्रीराम के लंका जाने में विशाल समुद्र बाधा बन गया. मुनि वकदालभ्य ने उन्हें बताया कि फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को सेना सहित उपवास रखें. इस व्रत के प्रताप से समुद्र पार करने के साथ ही रावण पर विजय भी प्राप्त करेंगें. भगवान श्रीराम ने एकादशी व्रत रखा और बाद में सेतु बनाकर समुद्र को पार कर रावण का वध कर विजय प्राप्त की.
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