scriptजयपुर // ‘रावण’ दहन में नियाग्रा फॉल का नजारा | VIJAYADASHAMI RAVAN MANNEQUIN RAVAN DAHAN | Patrika News

जयपुर // ‘रावण’ दहन में नियाग्रा फॉल का नजारा

locationजयपुरPublished: Oct 08, 2019 10:27:43 pm

Submitted by:

Girraj Sharma

बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी (vijayadasami) मंगलवार को मनाया गया। शाम होते ही जगह-जगह रावण के पुतलों (Ravan Mannequin) का दहन (Dahan) किया गया। इससे पहले भव्य आतिशबाजी की गई। राजधानी जयपुर में सबसे बड़ा 105 से अधिक ऊंचे रावण पुतले का दहन आदर्श नगर के दशहरा मैदान में किया गया। इससे पहले गगनचुम्बी आतिशबाजी की गई, जिसे देखने के लिए शहर उमड़ पड़ा। इसके अलावा कई जगहों पर रावण दहन किया गया।

‘रावण’ दहन में नियाग्रा फॉल का नजारा

‘रावण’ दहन में नियाग्रा फॉल का नजारा

‘रावण’ दहन में नियाग्रा फॉल का नजारा

– विजयादशमी पर जगह-जगह रावण दहन
– रावण दहन से पहले गगनचुम्बी आतिशबाजी

जयपुर। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी (vijayadasami) मंगलवार को मनाया गया। शाम होते ही जगह-जगह रावण के पुतलों (Ravan Mannequin) का दहन (Dahan) किया गया। इससे पहले भव्य आतिशबाजी की गई। राजधानी जयपुर में सबसे बड़ा 105 से अधिक ऊंचे रावण पुतले का दहन आदर्श नगर के दशहरा मैदान में किया गया। इससे पहले गगनचुम्बी आतिशबाजी की गई, जिसे देखने के लिए शहर उमड़ पड़ा। इसके अलावा कई जगहों पर रावण दहन किया गया।
श्रीराम मंदिर प्रन्यास श्रीसनातन धर्म सभा के तत्वावधान में दशहरा मैदान में दशहरा मेले का आयोजन किया गया। यहां 105 फीट से अधिक ऊंचे रावण का दहन किया गया। वहीं करीब 90 फीट ऊंचे कुंभकरण के पुतले का दहन किया गया। इससे पहले आतिशबाजी की गई, जिसमें रावण की नाभी व सिर पर अग्निचक्र चलता तो आसमान से अशर्फियां गिरती हुई नजर आई। दहन से पहले रावण मुंह से आग उगलता और आंखों से शोले निकालता नजर आया। इसे देख दर्शक रोमांचित हो उठे। रावण की तलवार से चिंगारियां फूटती हुई नजर आई। यहां आतिशबाजी में आसमान में नियाग्रा फाल का नजारा भी देखने को मिला। इससे पहले श्रीराम शेाभायात्रा निकाली गई। श्रीराम मंदिर से शोभायात्रा को रवाना किया गया, जिसमें लवाजमे के साथ भगवान श्रीराम और लक्ष्मण के स्वरूप शामिल हुए। शेाभायात्रा में एक झांकी पंचवटी और स्वर्ण मृग की शामिल हुई, वहीं ताडक़ा वध और श्रीनाथजी की झांकी भी लोगांे के बीच आकर्षण का केन्द्र रही। शोभायात्रा दशहरा मैदान पहुंची। इसके बाद श्रीराम स्वरूप ने अग्निबाण चलाकर रावण की नाभि का अमृतकुण्ड सुखाया और आतिशबाजी शुरू हुई। इसके साथ ही रावण के दसों सिर एक-एक कर आग से नष्ट होते गए। इससे पहले रावण दहन और आतिशबाजी का नजारा देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। दशहरा मैदान के आस-पास की छतें आबाद नजर आई।
शहर में दिनभर रहा उल्लास
विजयदशमी का उल्लास दिनभर देखा गया। अबूझ मुहूर्त होने से दिनभर बाजार में खरीददारी होती रही। आपकों बतादें कि दशहरा को साल के तीन श्रेष्ठ मुहूर्तों में एक माना गया है। बसंत पंचमी और अक्षय तृतीया जैसे श्रेष्ठ मुहूर्तों में अलावा विजयादशमी तीसरा श्रेष्ठ मुहूर्त माना गया है। इस दिन नया कार्य शुरू करना हमेशा फलदायक माना गया है। विजयदशमी के दिन गृह प्रवेश करना और नया व्यापार शुरू करना भी श्रेष्ठ रहता है। शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी, अक्षय तृतीया के साथ दशहरा पर कोई भी काम शुरू करने में राहुकाल का दोष भी नहीं होता है। एेसे में बाजार में जहां दिनभर ग्राहकों की भीड़ रही, वहीं दुकानदारों ने नए बहीखातों की पूजा की। दिनभर विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना भी की गई। वहीं शमी पूजन भी हुआ।
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