कोरोना ने लगा दिए ब्रेक गहलोत सरकार ने 2019 के बजट में गांवों के मास्टर प्लान तैयार करने की घोषणा की थी। उस वक्त सभी जिलों से अगले तीस वर्ष की आवश्यकता के आकलन कर रिपोर्ट मांगी गई थी। लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते यह पूरी प्रक्रिया ठंडे बस्ते में चली गई।
81 गांवों का पहले हुआ तैयार प्रदेश में तीसरी बार अब आई गहलोत सरकार के दूसरे कार्यकाल में वर्ष 2009 में सबसे पहले गांवों के मास्टर प्लान की योजना आई थी। सरकार ने 50 लाख रुपए प्रति गांव बजट देकर 81 गांवों का मास्टर प्लान तैयार कराया था। लेकिन बाद में सरकार बदलने पर बजट की अगली किस्त जारी ही नहीं की गई।