शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की प्रशंसा करते हुए गहलोत ने कहा कि शिक्षामंत्री बनने से नेता घबराते हैं और कहते हैं कि साहब यह विभााग मुझे मत देना लेकिन डोटासरा इस विभाग से नहीं घबराते। वे शिक्षक के बेटे हैं इसलिए कई नवाचार उन्होंने विभाग में किए। महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर डोटासरा को बधाई देते हुए कहा कि अगले बजट में ज्यादा इंग्लिश स्कूल खोले जाएंगे। उनका कहना था कि जब डोटासरा ने यह प्रयोग किया तो मेरे दिमाग में ख्याल आया था कि इन्हें महात्मा गांधी से जोड़ रहे हैं लेकिन यह प्रयोग बेहद सफल रहा। विभाग की ओर से एनसीईआरटी सिलेबस अपनाए जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए गहलोत का कहना था कि इस सिलेबस को अपनाना अच्छा काम रहा, वहीं उन्होंने नो बैग डे के नवाचार की भी तारीफ की।
डोटासरा बने रहेंगे शिक्षामंत्री
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने शिक्षा राज्य मंत्री से अगले बजट की तैयारी करने को कहा जिससे इन अटकलों पर भी विराम लग गया जिसमें कहा जा रहा था कि पीसीसी प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद डोटासरा के स्थान पर किसी अन्य को शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी जाएगी।
50 से बने पांच
शिक्षक संगठनों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा प्रदेश में अभी 50 से अधिक शिक्षक संगठन हैं आप भी हमारी तरह से नेता ही है और मैं चाहता हूं कि आप 50 से 5 पर आओ लेकिन मुझे पता है ऐसा नहीं होगा इसलिए आप सभी से बात करनी होगी।
शिक्षा राज्य मंत्री गोङ्क्षवद सिंह डोटासरा का शिक्षक सम्मान समारोह के आयोजन के लिए खुद मुख्यमंत्री ने पहल की। कोरोना काल के बाद भी वह चाहते थे कि शिक्षकों का सम्मान हो जिससे उनका हौंसला बढ़ सकें। उनका कहना था कि वर्ष 2018 तक मात्र 63 शिक्षकों को सम्मानित किया जाता था, लेकिन शिक्षकों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने करीब 1100 शिक्षकों का हर वर्ष सम्मान करने का निर्णय लिया है। इसी तरह उनकी सम्मान राशि में भी 6 गुना तक बढ़ोतरी की है।
वही स्कूली विद्यार्थियों को लेकर डोटासरा ने कहा कि बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आए इसका ध्यान रखते हुए सरकार ने ई कंटेट तैयार करवाया है और इसके लिए मिशन ज्ञान व वेदांता की मदद ली गई। राजस्थान पहला ऐसा राज्य है जहां ई.कक्षा प्रोजेक्ट के माध्यम से ऐसी अनूठी पहल की है। साथ ही हर शनिवार को नो बैग डे शुरू करने वाला भी राजस्थान देश का पहला राज्य है।
कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग और प्रमुख शासन सचिव अर्पणा अरोड़ा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
वेदांता गु्रप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि राजस्थान के लोगों की यह विशेषता रही है कि वे विषमताओं के बीच अपने पुरूषार्थ से वर्चस्व कायम कर लेते हैं। कोरोना जैसी विपरीत परिस्थितियों में भी राजस्थान के गांव.ढाणी में रहने वाले बच्चों को भी ई.कक्षा कार्यक्रम के इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिल सकेगी। पीरामल फाउण्डेशन की कार्यक्रम निदेशक मोनल जयराम ने कहा कि राजस्थान उन अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है, जिन्होंने नो.बैग डे के माध्यम से बच्चों को भारी.भरकम स्कूली बैग से मुक्ति दिलाने की दिशा में पहल की है। इस अवसर पर समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉक्टर भंवरलाल, मिशन ज्ञान के प्रतिनिधि जितेन्द्र सोनी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। प्रदेशभर के शिक्षक संगठन, शिक्षक एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी भी कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।