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वकीलों के लिए वेलफेयर स्टांप शुल्क और लाइसेंस फीस कम करने की उठी आवाज

locationजयपुरPublished: Mar 07, 2020 03:19:49 pm

Submitted by:

rahul

राज्य विधानसभा में आज राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर दिया गया।rajasthan assembly

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जयपुर। राज्य विधानसभा (Rajasthan Assembly) में आज राजस्थान अधिवक्ता कल्याण निधि संशोधन विधेयक पर चर्चा हुई। चर्चा के बाद विधेयक को पारित कर दिया गया। इससे पहले भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी विधेयक पर हिस्सा लेते हुए कहा कि आज वकीलों (lawyers )की कई तरह की समस्याएं है। सरकार को इनके लिए निधि में खुद का हिस्सा भी देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वकीलों के लिए कोर्ट में सुविधाओं की कमी है। विधायक अशोक लाहोटी ने नए वकीलों के लिए लाइसेंस पंजीयन राशि 17 हजार से बढ़कर 1 लाख रुपए करने का विरोध किया और इसे वापस लेने की मांग की। लाहोटी ने नए वकीलों को बेरोजगारी भत्ता देने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि वकीलों को लाईब्रेरी ओर आफिस के लिए 2 लाख रुपए ब्याजमुक्त लोन दिया जाए। विधायक गिरधारीलाल ने नए वकीलों को बेरोजगारी भत्ता देने को कहा। विधायक धर्मनारायण जोशी ने कहा कि वकीलों को बीमारी के समय मिलने वाली राशि को बढाया जाए। उन्होंने वकालतनामा के लिए 25 के बजाय सौ ओर दो सौ रुपए वेलफ़ेयर टिकट का शुल्क का संशोधन करने का विरोध किया। उन्होंने उदयपुर में हाइकोर्ट की बेंच खोलने की मांग भी उठाई। विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि आज 90 प्रतिशत वकीलों के साथ आर्थिक समस्याएं हैं। वकीलों के लिए बैठने ओर गाड़ी के लिए पार्किंग की समस्या हैं। वकीलों के लिए स्पेशल प्रोटेक्शन एक्ट लेकर आना चाहिए। इसके साथ ही वकीलों को मकान रियायती दर पर दिए जाए। विधायक संयम लोढा ने कहा कि अजमेर में रेवेन्यू बोर्ड है इसलिए वहां अधिवक्ता भवन बनना चाहिए।
उन्होने कहा कि वकीलों के लिए अधिवक्ता निधि में सरकार को अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने स्टाम्प वेलफ़ेयर शुल्क 25 के बजाय 100 ओर 200 रुपए करने का विरोध किया। उन्होंने वकीलो के लिए गंभीर बीमारियों के लिए 10 लाख रूपए करने को कहा। विधायक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि स्टाम्प शुल्क कम किया जाए। इससे जनता पर भार पड़ेगा। सरकार को अपना हिस्सा देना चाहिए। विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि आज वकीलों के सामने काफी समस्या है। देवनानी ने कहा कि संशोधन बिल की कॉपी भी हमे नहीं दी गई। रेवेन्यू कोर्ट में पद भरें जाए। अजमेर में अधिवक्ता भवन बनाया जाए।
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