WATCH VIDEO –> यूं उड़ी लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की धज्जियां युवा इन्हें देखकर अनदेखा करते रहे और हर साल की तरह इस साल पर ना सिर्फ लिंगदोह कमेटी की सिफारिशें अपना वजूद तलाशती रहीं बल्कि स्वच्छ जयपुर अभियान अपनी अहमियत खोता नजर आया। सबसे बड़ी दिक्कत ये की इन सभी घटनाओं के बाद भी ना कॉलेज या यूनिवर्सिटी प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई करता है और ना ही पुलिस इस पर किसी तरह का कोई एक्शन लेती है। ऐसा भी नहीं है कि ये पहली बार हुआ है। हर साल यही माहौल रहता है और इसी तरह की प्रशासनिक बेरुखी।