सीकर के फतेहपुर के गांव नाटसरा में लोगों ने सडक़ डामरीकरण नहीं किए जाने के चलते एक भी वोट नहीं डाला। वहीं धौलपुर के बाड़ी विधानसभा के बूथ संख्या 252, 253 और 254 पर मात्र 16 लोगों ने वोट डाला। यह शुरूआत में पड़े। इसके बाद किसी भी ग्रामीण ने वोट नहीं दिया। यहां बजरी माफिया को लेकर लोग सडक़ों पर थे। बताया गया कि बजरी माफिया और पुलिस की फायरिंग में एक स्थानीय व्यक्ति की मौत से लोगों में भारी आक्रोश था। ऐसे में 4 बूथों पर मतदान नहीं हो सका। लेकिन सरकारी स्तर पर भी अधिकारियों ने मतदान कराने को लेकर कोई प्रयास नहीं किए।
कहीं से भी पुनर्मतदान की नहीं मिली शिकायत
पहले फेज में 13 सीटों पर मतदान हुआ था और दूसरे फेज में 12 लोकसभा सीटों पर मतदान कराया गया था। पहले फेज के मुकाबले दूसरे फेज में मतदान कम होने से अब सभी 25 लोकसभा सीटों पर 66.07 फीसदी मतदान रहा है। जबकि गत लोकसभा चुनाव में वर्ष 2014 में 63.11 फीसदी वोट पड़े थे। ऐसे में इस बार 2.96 फीसदी मतदान अधिक हुआ, जो अब तक का लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान है। निर्वाचन विभाग को किसी भी जगह से गड़बड़ी के चलते पुनर्मतदान कराए जाने को लेकर शिकायत नहीं मिली है। मतदान में पुरुषों की 66.54, महिला 65.55 और ट्रांसजेण्डर ने 39.62 फीसदी भागीदारी रही। राज्य में पहले चरण में 13 सीटों पर 68.17 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे। लेकिन दूसरे चरण में 63.71 फीसदी मतदान बूथों पर पहुंच सके।