प्रदेश में दोनों चरण की 25 लोकसभा सीटों के चुनावों दौरान मतदान कर्मियों की बड़ी चूक सामने आई है। लोकसभा चुनाव ( lok sabha election 2019 ) के दूसरे चरण में सोमवार को जयपुर में हुए मतदान के तहत जयपुर शहर की दो विधानसभा क्षेत्रों में जिला निर्वाचन विभाग की बड़ी लापरवाही उजागर हुई। विद्याधर नगर और सिविल लाइन्स विधानसभा क्षेत्रों के दो बूथों पर पीठासीन अधिकारी मॉकपोल के वोट हटाना भूल गए और मतदान शुरू करा दिया। ऐसे में मॉक पोल के वोट भी मतदाता की ओर से डाले गए वोट में जुड़ गए। मतदान सम्पन्न होने के बाद ईवीएम जमा कराई गई। अगले दिन जब स्क्रूटनी की गई तो रजिस्टर और ईवीएम मशीनों में वोटों का अंतर पाया गया।
अधिकारियों ने मामले की पड़ताल की तो हकीकत सामने आई। पीठासीन अधिकारियों ने गलती मानकर बात कबूली। अब दोनों कर्मचारियों पर कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है। जिला निर्वाचन अधिकारी जगरूप सिंह यादव ने बताया कि रजिस्ट्रार और ईवीएम में 50 वोटों का अंतर आ रहा है। अब चुनाव आयोग से अनुमति के बाद मतगणना होगी। अब दोनों बूथों की
वीवीपैट की पर्ची के मिलान से गणना की जाएगी। हालांकि मॉक पोल के बाद वीवीपेट से निकली पर्चियों को अलग कर खाली कर सील कर दिया गया था। ऐसे में अब इन बूथों की मतगणना ईवीएम के बजाब पर्चियों से होगी। हालांकि इसके लिए निर्वाचन विभाग को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।
वहीं पहले फेज में 13 सीटों पर मतदान हुआ था और दूसरे फेज में 12 लोकसभा सीटों पर मतदान कराया गया था। पहले फेज के मुकाबले दूसरे फेज में मतदान कम होने से अब सभी 25 लोकसभा सीटों पर 66.07 फीसदी मतदान रहा है। जबकि गत लोकसभा चुनाव में वर्ष 2014 में 63.11 फीसदी वोट पड़े थे। ऐसे में इस बार 2.96 फीसदी मतदान अधिक हुआ, जो अब तक का लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा मतदान है। निर्वाचन विभाग को किसी भी जगह से गड़बड़ी के चलते पुनर्मतदान कराए जाने को लेकर शिकायत नहीं मिली है। मतदान में पुरुषों की 66.54, महिला 65.55 और ट्रांसजेण्डर ने 39.62 फीसदी भागीदारी रही। राज्य में पहले चरण में 13 सीटों पर 68.17 फीसदी लोगों ने वोट डाले थे। लेकिन दूसरे चरण में 63.71 फीसदी मतदान बूथों पर पहुंच सके।