उपभोक्ता को लगेगी चपत डिस्कॉम्स जब भी राज्य विद्युत विनियामक आयोग में टैरिफ पीटिशन दायर करेंगे तो उसमें इस खर्च को भी अंकित करेंगे। इसका भार विद्युत उपभोक्ताओं पर आएगा। जबकि यदि अनुबंध निरस्त करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू कर देते तो फिक्स्ड चार्ज की मोटी रकम बचाई जा सकती थी।
6 माह से ज्यादा समय बिजली नहीं ली गौरतलब है कि एक साल में से छह माह से ज्यादा समय तो बिजली ली ही नहीं। यानी, जिस दिन या महीने में बिजली नहीं खरीदी गई, उसके लिए भी फिक्स्ड चार्ज देते रहे, हालांकि अनुबंध निरस्तीकरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऊर्जा विकास निगम अब 121 करोड़ रुपए की बचत होने का ढिंढोरा पीटकर वाहवाही लूटने की कोशिश में है।
एनर्जी चार्ज का मतलब है, जितनी बिजली खरीदी, उतना ही भुगतान जबकि, डिस्कॉम्स संबंधित प्लांट से बिजली नहीं लें, तब भी उसे फिक्स्ड चार्ज तो देना ही होगा। फिक्स्ड चार्ज में प्लांट निर्माण लागत, मेंटीनेंस, लोन का ब्याज व अन्य स्थाई खर्चे शामिल हैं।
इन प्लांट्स से खरीदते रहे
पावर प्लांट बिजली खरीद दर (लाख यूनिट प्रतिवर्ष) अन्ता गैस, राजस्थान 66.45 15.38 औरेया एनटीपीसी, यूपी 174.05 9.67 दादरी गैस, यूपी 218.77 5.41 फरक्का थर्मल पावरस्टेशन, पश्चिम बंगाल 456.60 5.22
पावर प्लांट बिजली खरीद दर (लाख यूनिट प्रतिवर्ष) अन्ता गैस, राजस्थान 66.45 15.38 औरेया एनटीपीसी, यूपी 174.05 9.67 दादरी गैस, यूपी 218.77 5.41 फरक्का थर्मल पावरस्टेशन, पश्चिम बंगाल 456.60 5.22
एफजीयूटीपीएस, यूपी 633.84 5.11 (दर प्रति यूनिट है। इनके अनुबंध को 25 साल पूरे हो चुके हैं)
एनर्जी चार्ज से ज्यादा फिक्स्ड चार्ज के दिए
प्लांट फिक्स्ड एनर्जी अन्ता गैस 41.74 3.11
एनर्जी चार्ज से ज्यादा फिक्स्ड चार्ज के दिए
प्लांट फिक्स्ड एनर्जी अन्ता गैस 41.74 3.11
औरेया एनटीपीसी 27.18 8.96 दादरी गैस 26.57 17.44 फरक्का थर्मल 5.32 13.86पावर स्टेशन एफजीयूटीपीएस 13.25 22.94 (राशि करोड़ में है)