scriptजयपुर एयरपोर्ट पर इंतजार देता है लोगों को ‘दर्दÓ | Waiting at Jaipur airport gives people 'pain' | Patrika News

जयपुर एयरपोर्ट पर इंतजार देता है लोगों को ‘दर्दÓ

locationजयपुरPublished: Dec 06, 2019 12:48:05 am

Submitted by:

manoj sharma

ना बैठने को जगह और ना पीने को पानी
– यात्रियों का हवाई सफर छोडऩे और लेने जाने वाले परिजनों के लिए बना मुसीबत

जयपुर एयरपोर्ट पर इंतजार देता है लोगों को 'दर्दÓ

जयपुर एयरपोर्ट पर इंतजार देता है लोगों को ‘दर्दÓ

जयपुर. कहने को तो जयपुर का हवाई अड्डा अंतरराष्ट्रीय श्रेणी का है, मगर सुविधाएं बस स्टैंड से भी खराब है। एयरपोर्ट पर यात्रियों के परिजनों को सुकून से बैठने के लिए न तो जगह और ना ही पीने के पानी है। ऐसे में यात्रियों को छोडऩे और लेने आ रहे परिजन एयरपोर्ट परिसर में यहां-वहां खड़े होकर इंतजार करते रहते हैैं। इन दिनों सर्दी और कोहरे के बीच आए दिन उड़ान देरी से पहुंची रही है, उस दौरान इंतजार करना ‘दर्दÓ देने से कम नहीं है। ज्यादा परेशानी तो उन लोगों को होती है, जो जयपुर के बाहर से परिजनों को लेने आते हैं। उड़ान देरी से आने के कारण मजबूरन उनको बाहर सर्दी में खड़े रहना पड़ता है। यहां पोर्च एरिया के पास एकमात्र कैंटीन है, वह भी बैंसमेंट क्षेत्र में है। उसके भी हाल ऐसे हैं कि सैलानी और यात्री जाना तक पसंद नहीं करते। परिवार के साथ चेन्नई से राजधानी घूमने आए स्वामीनाथन कैंटीन में गए, लेकिन वहां की स्थिति देखकर लौट आए। स्वामी ने कहा कि राजधानी के हवाइअड्डे पर खाने की सुविधा तक अच्छी नहीं है।
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फैैक्ट फाइल
125 उड़ानों का रोज आना-जाना है एयरपोर्ट पर

6-7 उड़ानें रोज विलंब से चल रही है औसतन
800-1000 लोग यात्रियों को छोडऩे और लेने आ रहे हैं

21 हजार से अधिक यात्रियों का आना-जाना रहता है रोज
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अन्य महानगरों में है लाउंज की सुविधा तो यहां क्यों नहीं

हवाईअड्डा प्रशासन की ओर से पार्किंग नीति लागू करते समय महानगरों का उदाहरण दिया था, लेकिन सुविधाएं विकसित करने में प्रशासन रुचि नहीं ले रहा है। दिल्ली, मुंबई, बेंगलूरु, हैदराबाद सहित अन्य हवाइअड्डों पर यात्रियों के परिजनों के लिए लाउंज की सुविधा है। यहां यात्री ही नहीं परिजन भी आरामदायक बैठ और खा-पी सकते हैं।
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एक घंटे से खड़ा हूं, लेकिन बैठने की सुविधा नहीं है। कई बार मेहमानों को लेने के लिए आते हैं। कुछ कुर्सियां एटीएम के पास थी। वह भी अब हटा दी गई।

राजेशकुमार यादव, परिजन
अंतरराष्ट्रीय स्तर के हवाईअड्डे पर कैब के आने और जाने के लिए अलग लेन होनी चाहिए, लेकिन यहां तो सभी वाहन एक लेन में आ रहे हैं। कैंटीन में खाने के सामान पूरे नहीं हैं। विदेशी सैलानी शहर घूमने आते हैं, लेकिन कई देर तक खड़े रहते हैं।
गगन जैन, परिजन
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