एक साल तक खाली रहा सांगानेर डिपो : सांगानेर डिपो से चलने वाली बसें दो साल पहले कंडम हो गई थीं। एक साल पहले उनकी नीलामी भी कर दी गई। यानी एक साल से सांगानेर डिपो खाली था। इस अवधि में दो करोड़ रुपए किराए के चुकाए गए।
कम्पनी नहीं चाह रही थी शिफ्ट हो डिपो : विद्याधर नगर डिपो पर बसों के संचालन व मेंटीनेंस का काम मातेश्वरी कम्पनी का है। निजी कम्पनी नहीं चाह रही थी बसें सांगानेर शिफ्ट हो। इससे उनकी लागत पर असर पड़ेगा। अपने फायदे के लिए एक साल तक शिफ्टिंग को अटकाए रखा।
यों समझें गणित
इसलिए बचेंगे ₹20 लाख: विद्याधर नगर और सांगानेर दोनों डिपो जेसीटीएसएल ने रोडवेज से किराए पर ले रखे हैं। इन दोनों का प्रतिमाह का किराया करीब 34 लाख रुपए है। इससे जेसीटीएसएल को हर महीने 17 लाख रुपए की सीधी बचत होगी। वहीं बसें भी सांगानेर डिपो से चलने के कारण रूट पर अपेक्षाकृत जल्दी आ जाएंगी। इससे प्रतिमाह 3-4 लाख रुपए के डीजल की भी बचत होगी।